Oxygen Express : प्राणवायु लेने निकली ऑक्सीजन एक्सप्रेस, वाराणसी कैंट स्टेशन से गुजरा डीबीकेएम रैक

ऑक्सीजन की किल्लत दूर करने के लिए निकली ऑक्सीजन एक्सप्रेस गुरुवार को दोपहर 1.35 बजे कैंट स्टेशन स्थित प्लेटफार्म नंबर पांच से रवाना हुई। क्षणिक ठहराव के दौरान यहां ट्रेन के डीजल इंजन में फ़्यूलिंग कराया गया। एक दिन पहले लखनऊ से रवाना बीडीकेएम रैक गुरुवार को वाराणसी प्रस्थान हुआ।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 02:20 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 09:31 PM (IST)
Oxygen Express : प्राणवायु लेने निकली ऑक्सीजन एक्सप्रेस, वाराणसी कैंट स्टेशन से गुजरा डीबीकेएम रैक
गुरुवार दोपहर वाराणसी कैंट स्टेशन पहुंची ऑक्सीजन एक्सप्रेस

वाराणसी, जेएनएन। ऑक्सीजन की किल्लत दूर करने के लिए निकली ऑक्सीजन एक्सप्रेस गुरुवार को दोपहर 1.35 बजे कैंट स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर पांच से रवाना हुई। क्षणिक ठहराव के दौरान यहां ट्रेन के इंजन में डीजल भरा गया। 16 वैगन की क्षमता के डीबीकेएम रैक पर महज तीन ऑक्सीजन कंटेनर ट्रक लोड हुए थे। मौके पर मौजूद रेलवे विद्युत विभाग व यांत्रिक विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने ट्रेन को रवाना किया। ट्रेन आगमन से पहले सुरक्षा की दृष्टि से ओवर हेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) लाइन मे विद्युत आपूर्ति रोक दी गई थी। वहीं, रैक पर रखे वाहनों की ऊंचाई के सापेक्ष ऊपर से गुजरने वाले तार को ऊंचा किया गया।

बोकारो से ऑक्सीजन लेकर आगमन आज संभव

एक दिन पहले लखनऊ से रवाना बीडीकेएम रैक गुरुवार को वाराणसी के लिए चला। यह पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (मुगलसराय) के रास्ते बोकारो पहुंचेगा जहां से लिक्विड ऑक्सीजन लोड करके लौट आएगा। शुक्रवार को दोपहर बाद आगमन की संभावना है। रेलवे मंत्रालय ने अस्पतालों में ऑक्सीजन के संकट से निपटने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने का निर्णय लिया था।

आगमन में 15 किमी तक बढ़ जाएगी स्पीड

डीआरएम संजय त्रिपाठी ने बताया कि खाली टैंकर ले जाने में सावधानी बरतनी होती है, इसलिए ट्रायल किया गया। रैक के ब्रेक सिस्टम को देखते हुए गति 50 से 55 किमी प्रतिघंटा ही रखी जाएगी। हालांकि, जब ऑक्सीजन एक्सप्रेस लौटेगी तो रफ्तार 5 से 15 किमी तक बढ़ाई जा सकती है। पूरे रूट को ग्रीन कॉरिडोर के रूप में बनाया गया है।

चार घंटे 20 मिनट में लखनऊ से वाराणसी

लखनऊ से वाराणसी तक की 270 किमी की दूरी 62.35 किमी प्रति घंटे की गति से 4 घंटे 20 मिनट में तय करने के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया था। ट्रेनों के माध्यम से ऑक्सीजन की ढुलाई लंबी दूरियों पर सड़क परिवहन की तुलना में तेज है। ट्रेनें एक दिन में 24 घंटे तक चल सकती हैं, लेकिन ट्रक के चालकों को आराम आदि की जरूरत होती है।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस के लिए टी 1618 मॉडल टैंकर मुफीद

यह खुशी की बात हो सकती है कि टैंकरों की लोडिंग-अनलोडिंग को आसान बनाने के लिए एक रैंप की जरूरत होती है। कुछ स्थानों पर रोड ओवर ब्रिज्स (आरओबी) और ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) की ऊंचाई की सीमाओं के कारण, रोड टैंकर का 3320 मिमी ऊंचाई वाला टी 1618 मॉडल 1290 मिमी ऊंचे फ्लैट वैगनों पर रखे जाने के लिए मुफीद पाया गया।

chat bot
आपका साथी