बंद घरों में आक्सीजन कंसंट्रेटर दिल और फेफड़ों के लिए घातक, आइआइटी-बीएचयू के हाइड्रोजन विज्ञानी डॉ. प्रीतम सिंह की राय

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से निकलने वाली जहरीली गैसों को ऊंचाई या छतों से एक्जिट करने में सक्षम नहीं हैं। इसके लिए औद्योगिक उपयोग में आने वाले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की जरूरत पड़ेगी जिनका इंस्टालमेंट घरों में संभव नहीं। कंसंट्रेटर घर में ही दो अलग तरह के वातावरण का निर्माण कर रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 02 Jun 2021 08:20 AM (IST) Updated:Wed, 02 Jun 2021 08:20 AM (IST)
बंद घरों में आक्सीजन कंसंट्रेटर दिल और फेफड़ों के लिए घातक, आइआइटी-बीएचयू के हाइड्रोजन विज्ञानी डॉ. प्रीतम सिंह की राय
आक्सजीन कंसंट्रेटर घर में ही दो अलग-अलग तरह के वातावरण का निर्माण कर रहा है।

वाराणसी, जेएनएन। आक्सजीन कंसंट्रेटर घर में ही दो अलग-अलग तरह के वातावरण का निर्माण कर रहा है। एक ओर आक्सीजन की अधिकता तो दूसरी ओर कमी। वहीं एक्जिट पाइप से हानिकारक गैसें कार्बन डाई आक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड और नाइट्रोजन बाहर निकलती हैं और बंद घरों में चक्कर काटती रहती है, जो कि स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेय है ही । वहीं घर के दूसरे हिस्सों में आक्सीजन की कमी पड़ सकती है। वहीं यह कंसंट्रेटर कमरे में खुले छोड़ दिए जाए तो कमरे में 50-60 फीसद आक्सीजन जमा होने लगेगा, जबकि वायुमंडल में हमें महज 22 फीसद ही आक्सीजन चाहिए। आइआइटी-बीएचयू में सिरामिक इंजीनियरिंग विभाग के हाइड्रोजन विज्ञानी डॉ. प्रीतम सिंह ने यह जानकारी देते हुए कहा कि यह तो ऐसा ही है जैसे घर में एक ओर आग लगी हो वहीं दूसरी ओर बाढ़ भी आ रहा है।

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से निकलने वाली जहरीली गैसों को ऊंचाई या छतों से एक्जिट करने सक्षम नहीं हैं। इसके लिए औद्योगिक उपयोग में आने वाले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की जरूरत पड़ेगी जिनका इंस्टालमेंट घरों में संभव नहीं है। यदि घर का वेंटिलेशन ठीक नहीं है तो भी इन गैसों को निकलने का बेहतर स्थान ही नहीं मिलेगा और ये कमरे में ही घूमती रहेंगी। सबसे खतरनाक असर स्वस्थ लोगों के फेफड़े पर भी पड़ सकता है। उन्हाेंने बताया कि एक स्वस्थ मरीज को इससे दिल संबंधी बीमारियां भी हो सकती हैं, हालांकि इसका प्रभाव लंबे समय बाद ही देखा जाएगा। डॉ. सिंह ने कहा कि आक्सीजन कंसंट्रेटर का इस्तेमाल कोरोना वार्ड के लिए ठीक हो सकता है क्याेंकि वहां पर बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज होते हैं।

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