बलिया और आजमगढ़ के 20 मिल संचालकों पर चावल का 15.60 करोड़ बकाया, जब्त की जाएगी बैंक गारंटी
संभागीय खाद्य नियंत्रण राममूर्ति पांडेय ने बताया कि धान खरीद वर्ष 2020-21 में आजमगढ़ के सात और बलिया के 13 राइस मिल संचालकों को लगभग 52000 क्विंटल धान कुटाई के लिए दिया गया था लेकिन अब तक एफसीआइ गोदाम में चावल जमा नहीं किया गया।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़। बलिया व आजमगढ़ के 20 राइस मिल संचालकों ने धान की कुटाई के बदले एफसीआइ में चावल जमा नहीं किया। अब उनसे वसूली के लिए आरसी जारी करने की तैयारी की जारी है। आरसी जारी होने के बाद जल्द से जल्द बकाया राजस्व जमा न करने पर गबन के आरोप में संबंधित राइस मिल संचालकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के साथ ही बैंक गारंटी को जब्त कर लिया जाएगा। साथ ही धान कुटाई का पैसा बकाया धनराशि में समायोजित कर ली जाएगी। मिल के माल को सीज कर उसकी नीलामी की जाएगी।
वहीं प्रशासन के इस फैसले के बाद से ही मिल संचालकों में अफरातफरी मची हुई है। इस आशय की जानकारी जारी होने के बाद मिल संचालक बैठक कर प्रशासनिक कार्रवाई से बचने की जुगत निकालने में लगे रहे। माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में कार्रवाई की नोटिस से पूर्व ही काफी संचालक काफी हद तक बकाया जमा कर देंगे।
संभागीय खाद्य नियंत्रण राममूर्ति पांडेय ने बताया कि धान खरीद वर्ष 2020-21 में आजमगढ़ के सात और बलिया के 13 राइस मिल संचालकों को लगभग 52,000 क्विंटल धान कुटाई के लिए दिया गया था, लेकिन अब तक एफसीआइ गोदाम में चावल जमा नहीं किया गया। जबकि इस संबंध में कई बार मिल संचालकों को नोटिस जारी किया गया था। इसलिए अब उनके खिलाफ आरसी जारी का बकाया चावल की धनराशि की वसूली की जाएगी। उन्होंने बताया कि आजमगढ़ के सात और बलिया के 13 राइस मिल संचालक हैं, जिनके ऊपर 52,000 क्विंटल चालव का 15 करोड़, 60 लाख रुपये बकाया है। इसमें आजमगढ़ के सात राइस मिल संचालकों पर 30 हजार क्विंटल चावल का लगभग 12 करोड़ रुपये और बलिया के 13 राइस मिल संचालकों पर लगभग 22 हजार क्विंटल चावल का 60 लाख रुपये बकाया है।