ODOP से दूर-दूर तक फैलेगी आजमगढ़ की तुलसी की महक, आर्गेनिक इंडिया ने लगाई प्रोसेसिंग यूनिट

हिंदू आस्था से जुड़ा तुलसी का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है। आस्था के प्रतीक इस पौधे का हर आंगन में लगाया जाता है। परंपरागत खेती में लागत अधिक और मुनाफा कम होने के कारण कम्हेनपुर गांव में लोगों ने आर्गेनिक विधि से तुलसी की खेती शुरू की।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Wed, 10 Feb 2021 11:45 AM (IST) Updated:Wed, 10 Feb 2021 05:30 PM (IST)
ODOP से दूर-दूर तक फैलेगी आजमगढ़ की तुलसी की महक, आर्गेनिक इंडिया ने लगाई प्रोसेसिंग यूनिट
आस्था की प्रतीक तुलसी की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक बड़ी पहल की है।

आजमगढ़, जेएनएन। आजमगढ़ में आजीविका का साधन बन चुकी आस्था की प्रतीक तुलसी की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक बड़ी पहल की है। लगभग 22 वर्षों से विकास खंड पल्हनी के कम्हेनपुर गांव में की जा रही तुलसी की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री सूक्ष्म उद्योग उन्नयन योजना में ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) के तहत तुलसी उत्पाद का चयन किया गया है। अब तक जिले में तुलसी की खेती छोटे स्तर पर की जाती रही है। यहां से ब्रिटिश कंपनी तुलसी खरीदती थी, लेकिन सरकार ने किसानों को आर्थिक सहायता और विपणन सहयोग देगी तो यहां का उत्पाद बढ़ेगा।

अब ओडीओपी में तुलसी को शामिल करने के बाद से ही आजमगढ़ में किसानों के सामने बेहतर विकल्‍प आ गया है। इसकी वजह से अब तुलसी के उत्‍पादन आधारित उद्योग को लगाने के नए अवसर भी किसानों के सामने हैं। अधिकारियों के अनुसार औषधीय महत्‍व के इस पौधे के उत्‍पादन के अवसर इसके ओडीओपी में शामिल करने के बाद से और बढ़ गए हैं। इससे बनने वाली दवाएं, माला और मनकों के साथ ही इसके हर अंग के प्रयोग में आने की वजह से लोगों के सामने बेहतर अवसर रोजगार के साथ ही आय दोगुना करने के प्रयास भी रंग लाएंगे।  

हिंदू आस्था से जुड़ा तुलसी का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है। आस्था के प्रतीक इस पौधे का हर आंगन में लगाया जाता है। परंपरागत खेती में लागत अधिक और मुनाफा कम होने के कारण कम्हेनपुर गांव में लोगों ने आर्गेनिक विधि से तुलसी की खेती शुरू की। वर्ष 1098 से कम्हेनपुर और उसके आसपास के दो-तीन गांवों में तुलसी की खेती की जा रही है। लगभग 100 हेक्टेयर में तुलसी की खेती में कई किसानों का परिवार जुड़ा है। तुलसी के विपणन की समस्या अधिक है, लेकिन उत्पादन को देखते हुए ब्रिटिश कंपनी आर्गेनिक इंडिया ने यहां अपनी प्रोसेसिंग यूनिट लगा दी है।जिससे विपणन की समस्या दूर हो गई है। फायदा होने लगा तो आसपास के लगभग एक दर्जन गांवों में भी खेती शुरू हो गई। हालांकि बाद में कुछ समस्या आने पर दूसरे गांवों के लोगों ने इसकी खेती छोड़ दी, लेकिन कम्हेनपुर और आसपास के गांवों के 100 हेक्टेयर में तुलसी की खेती की जाती है। लगभग 275 किसान इससे जुड़े हैं।

बोले अधिकारी

‘‘प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत तुलसी के खेती को बढ़ावा देने के लिए ओडीओपी के तहत चयन किया गया है। किसानों को सब्सिडी और अनुदान दिलाने के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। जल्द ही प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। -मनोहर सिंह, निदेशक, उद्यान मंडल, आजमगढ़।

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