वाराणसी में महंगाई पर ऑनलाइन चिंतन, सरकार पर महंगाई नियंत्रित न करने का आरोप
बढ़ती मंहगाई के लिए केन्द्र सरकार सीधे-सीधे जिम्मेदार है। जब कल्याणकारी राज्य की अवधारणा से सरकारें दूर हो जाती हैं तब मंहगाई और बेरोजगारी जैसी स्थिति का देश शिकार हो जाता है। ऐसी ही स्थिति अपने देश में बन गई है।
वाराणसी, जेएनएन। बढ़ती मंहगाई के लिए केन्द्र सरकार सीधे-सीधे जिम्मेदार है। जब कल्याणकारी राज्य की अवधारणा से सरकारें दूर हो जाती हैं तब मंहगाई और बेरोजगारी जैसी स्थिति का देश शिकार हो जाता है। ऐसी ही स्थिति अपने देश में बन गई है। यह विचार शुक्रवार को इंग्लिशियालाइन स्थित पं. कमलापति त्रिपाठी फाउन्डेशन की ओर से आयोजित 'आखिर क्यों बेलगाम महंगाई" विषय पर वेबिनार में वक्ताओं ने कहा।
प्रो. एनके मिश्रा ने कहा कि पिछले 7 सालों में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच में सामंजस्य कम हुआ है। केन्द्र सरकार कल्याणकारी राज्य की अवधारणा से दूर हटी है। जिससे अर्थशास्त्र का पूरा सिस्टम प्रो मार्केट की जगह प्रोविजनेस होकर रह गया है। टैक्स से राजस्व बढ़ाने के लिए मालभाड़े में वृद्धि ने महंगाई की आग में घी डालने का काम किया है। वरिष्ठ पत्रकार शिशिर सिन्हा ने कहा कि खुदरा महंगाई छह से बढ़कर 13 फीसद तक हो गयी है। जिसने आम आदमी को भारी आर्थिक संकट में धकेला है।
राजनैतिक कारणों से आर्थिक मुद्दों पर समन्वय का घोर अभाव है। जीएसटी में हिस्सेदारी को लेकर भी केन्द्र और राज्यों की दोनों सरकारें प्रायः एक दूसरे से अपने-अपने हिस्से को लेकर मतभेद रखती हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता विजयशंकर पान्डेय ने कहा कि सरकारों को जन सरोकारों की कोई परवाह नहीं है। कारपोरेट और सरकार बिचौलियों के माध्यम से जनता और किसानों को लूट कर खजाना भरने में लगी है। इसमें बैजनाथ सिंह, विजयकृष्ण, पुनीत मिश्रा, विजयशंकर मेहता, शैलेन्द्र सिंह, भूपेन्द्र प्रताप सिंह, आनन्द मिश्रा ने भी विचार दिया।