वाराणसी में पंचायत भवन को सचिवालय बनाने पर खर्च होंगे एक लाख 75 हजार रुपये, शासन की ओर से जारी हुआ गाइडलाइन

वाराणसी के सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन मिनी सचिवालय के रूप में बदले जा रहे हैं। पंचायत सहायक की नियुक्ति को भी हरी झंडी मिल चुकी है। जिले में 694 ग्राम पंचायतों में 580 पंचायतों के पास अपना पंचायत भवन है। शेष 114 का निर्माण हो रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 12:14 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 12:14 PM (IST)
वाराणसी में पंचायत भवन को सचिवालय बनाने पर खर्च होंगे एक लाख 75 हजार रुपये, शासन की ओर से जारी हुआ गाइडलाइन
वाराणसी के सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन मिनी सचिवालय के रूप में बदले जा रहे हैं।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। जिले के सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन मिनी सचिवालय के रूप में बदले जा रहे हैं। पंचायत सहायक की नियुक्ति को भी हरी झंडी मिल चुकी है। जिले में 694 ग्राम पंचायतों में 580 पंचायतों के पास अपना पंचायत भवन है। शेष 114 का निर्माण हो रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्य शीघ्र पूरा करा लिया जाएगा। प्रति पंचायत भवन को सचिवालय के रूप में कार्य करने के लिए एक लाख 75 हजार रुपये खर्च होंगे। यह धनराशि राज्य वित्त आयोग व 15वें वित्त आयोग के प्रशासनिक मद से मुहैया होगी।

अधिकारियों का कहना है कि इस राशि से सचिवालय के लिए कंप्यूटर, कुर्सी, सोलर इनवर्टर, पंखा समेत अन्य जरूरी सामानों की खरीद होगी। इस कार्य को पंचायत सहायक की तैनाती से पहले पूरा करने का निर्देश है। पंचायत सहायकों की नियुक्ति को शासन ने हरीझंडी दे दी है। इसके लिए 30 जुलाई से प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। हालांकि इस कार्य को मूर्तरूप देने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को ही सौंपी गई है। सिर्फ जिला स्तरीय समिति को सत्यापन का निर्देश दिया गया है। सत्यापन कर जब जिला समिति मुहर लगाएगी तो नियुक्ति के लिए नियुक्ति प्रमाण पत्र जारी करेगी। इस बार पंचायत चुनाव के बाद प्रदेश सरकार की ओर से पंचायतों को बेहतर करने की कवायद चल रही है। पंचायत को जन सरोकार से जाेडने की प्रयास जारी है।

पंचायतों को विशेष अधिकार

पंचायतों को सचिवालय संचालन को लेकर भी विशेष अधिकार होगा। पंचायत गांव की जरूरत के मुताबिक कार्यों की प्राथमिकता तय कर सकते हैं। पंचायत सहायक गांव के डाटा भी अपडेट करेंगे। साथ ही रिकार्ड को मेंटन करेंगे। पंचायतें जरूरी कार्यों का निर्धारण करेंगी। इसके अलावा जिला स्तरीय अधिकारी भी इन पंचातय सहायकों का उपयोग गांव के डाटा आदि की जानकारी के लिए करेंगे। इसके साथ ही लापरवाही पर कार्रवाई की भी संस्तुति करेंगे। कार्रवाई का निर्धारण पंचायत ही कर सकेंगी। अधिक ारी सीधे इन कर्मियों को नहीं हटा सकेगी।

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