कभी नक्सलियों से थर्रा थे अब कर रहे सरहद की सुरक्षा, देश सेवा का संकल्प ले रहे सोनभद्र के युवा

सोनभद्र के नक्सल प्रभावित चतरा ब्लाक के सिलथम गांव के छह नौजवान सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने वतन की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 08:20 AM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 01:12 PM (IST)
कभी नक्सलियों से थर्रा थे अब कर रहे सरहद की सुरक्षा, देश सेवा का संकल्प ले रहे सोनभद्र के युवा
कभी नक्सलियों से थर्रा थे अब कर रहे सरहद की सुरक्षा, देश सेवा का संकल्प ले रहे सोनभद्र के युवा

सोनभद्र [सुधीर सर्राफ]। नक्सल प्रभावित चतरा ब्लाक के सिलथम गांव के छह नौजवान सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने वतन की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। ये वो लोग हैं जिन्होंने कभी नक्सलियों के भय से शाम ढलते लोगों को घरों में दुबकने का दौर देखा है। यही नहीं छह इंच छोटा करने का नक्सलियों का फरमान भी इन युवाओं को देश सेवा संकल्प को डिगा नहीं सका। मन में भय होने के साथ ही लक्ष्य को भेदने की लालसा सदैव हृदय में संजोए रखा। यही कारण है गांव के छह युवक थल सेना, सशस्त्र सुरक्षा बल व सीआइएसएफ में भर्ती होकर देश की सेवा करने में जुटे हैं। भय के बीच लक्ष्य का भेदन करने में युवा कामयाब रहे हैं।

दरअसल, 2010 का दशक जनपद में नक्सली हिंसा चरम पर था। इसमें कुछ गांव ऐसे हैं जहां नक्सली घटनाओं का अंजाम देखा और सहा भी है। ऐसे में दो गांव पटना और सिलथम हैं। यहां के लोगों ने हिंसा की बढ़ती घटनाओं से अपने बच्चों को बचाया और उज्ज्वल भविष्य की ओर मोड़ा। ऐसा नहीं है कि ऐसा करने में उन्हें कोई जोखिम नहीं उठाना पड़ा। एमसीसी उग्रवादी संगठन के बहकावे में पटना गांव निवासी सुरेश पुत्र लक्ष्मण भारती, दया बिंद पुत्र ददन संगठन से जुड़े थे। पुलिस उन्हें पकड़ी भी। सजा भी काटी। बाद में चलकर अब मेहनत-मजदूरी कर जीवन-यापन कर रहे हैं। वहीं सिलथम गांव से मात्र नौ किमी दूर रामपुर गांव में फरवरी  2003 में विजयगढ़ के युवराज की नक्सलियों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

ऐसे दौर में कुछ परिवारों ने बच्चों को देश सेवा की सीख दी। जिसका नतीजा है कि एक ही गांव से कई युवा सेना में भर्ती होकर देशसेवा करने में जुटे हुए हैं। ऐसी मिसाल पेश की है नक्सल प्रभावित चतरा व नगवां ब्लाक के रामपुर बरकोनिया थाना क्षेत्र के सिलथम व पटना गांव। यहां के कई युवा सेना में हैं। नागेश्वर यादव के एक पुत्र रामेश्वर यादव सीआइएसएफ में हैं। दूसरा पुत्र रवींद्र यादव आर्मी में हैं। सिलथम (कठार) गांव निवासी अनिल यादव तीन भाइयों में सबसे बड़े हैं। पिता रामबली यादव ने बेटों की पढ़ाई में कमी नहीं होने दी। इसी गांव के धर्मजीत जायसवाल आर्मी में हैं। सिलथम के खडिय़ा टोला निवासी अरुण कुमार टिग्गा पुत्र सुदामा टिग्गा भी आर्मी में हैं। धीरेंद्र कुमार यादव एसएसबी में हैं। बतादें कि सभी जवान गांव के ही प्राथमिक विद्यालय सिलथम, आदिवासी इंटर कॉलेज सिलथम के बाद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ओबरा से स्नातक तक की पढ़ाई की है। पटना गांव निवासी रामअधार यादव के बड़े पुत्र अमरनाथ यादव पुलिस, दुपटिया गांव के निर्मल चेरो का पुत्र अमित चेरो पीएसी में हैं। वहीं भीखमपुर गांव के राजेंद्र फौजी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

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