आजमगढ़ के इस बंगले में कभी वीआइपी करते थे विश्राम, अाज हो गया है वीरान

सिंचाई विभाग के डाक बंगले में कभी मंत्री से लेकर अन्य वीआइपी जहां करते थे लेकिन अब भवन की दीवारें और धराशायी होने लगी हैं। हालत यह कि एक बार आए मंत्री ने भी वहां रहने से कर दिया था इंकार।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 04:04 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 04:04 PM (IST)
आजमगढ़ के इस बंगले में कभी वीआइपी करते थे विश्राम, अाज हो गया है वीरान
सिंचाई विभाग ने जर्जर भवन की मरम्मत के लिए 35 लाख का एस्टीमेट शासन को भेजा है।

आजमगढ़, जेएनएन। कभी मंत्री से लेकर अन्य वीआइपी जहां करते थे विश्राम वह स्थान हो गया है वीरान। दरकने लगी हैं भवन की दीवारें और धराशायी होने लगी हैं दीवारें। हालत यह कि एक बार आए मंत्री ने भी वहां रहने से कर दिया था इंकार। यह हालत हो गई है लालगंज स्थित सिंचाई विभाग के डाक बंगले की। डाक बंगले के साथ परिसर में बने अधिकारियों व कर्मचारियों के आवास भी जर्जर हो गए हैं।

नगर के दक्षिणी छोर पर एक ही परिसर में शारदा सहायक खंड 23 द्वारा अतिथि गृह व अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए आवास का निर्माण कराया गया था। अतिथि गृह व आवासीय भवनों के छत जर्जर होने के कारण किसी समय धराशाई हो सकते हैं। परिसर के चारों तरफ बनी बाउंड्रीवाल भी जर्जर हो गई है। पूरब व पश्चिम दिशा की बाउंड्रीवाल धराशायी होना शुरू हो गई है।

सभासद कृष्ण कुमार मोदनवाल एडवोकेट ने बताया कि कुछ दिनों पहले तहसील परिसर में अधिवक्ता संघ के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में खेल कूद विभाग के दर्जा प्राप्त मंत्री उपस्थित हुए थे। उनको रात्रि में विश्राम के लिए सिंचाई विभाग के अतिथि गृह में ले जाया गया लेकिन जर्जर भवन को देखते ही उन्होंने विश्राम करने से इंकार कर दिया था। उसके बाद उन्हें नगर के एक मैरेज हाल में विश्राम कराया गया। सिंचाई विभाग के जेई नवीन वर्मा ने बताया कि जर्जर भवन की मरम्मत के लिए 35 लाख का एस्टीमेट शासन को भेज दिया गया है। धन अवमुक्त होते ही जर्जर भवन की मरम्मत शुरू करा दी जाएगी।

chat bot
आपका साथी