मुंशी प्रेमचंद की जयंती के मौके पर सात दिवसीय जन अधिकार चेतना यात्रा का लमही से आगाज

वाराणसी जिले में सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट एवं एक देश समान शिक्षा अभियान के संयुक्त तत्वावधान में सात दिवसीय जन अधिकार चेतना यात्रा का शुभारम्भ मुंशी प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर उनके पैतृक गांव लमही से हुआ।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 02:47 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 02:47 PM (IST)
मुंशी प्रेमचंद की जयंती के मौके पर सात दिवसीय जन अधिकार चेतना यात्रा का लमही से आगाज
जन अधिकार चेतना यात्रा का शुभारम्भ मुंशी प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर उनके पैतृक गांव लमही से हुआ।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। मुंशी प्रेमचंद जयंती से प्रारम्भ होकर 6 अगस्त हिरोशिमा दिवस पर सारनाथ में 10 जिलों से होकर जन अधिकार चेतना यात्रा गुजरेगी। आयोजन का समापन सारनाथ में किया जाएगा। देश में सभी नागरिकों के लिए बेहतर एवं समान शिक्षा, उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं, सम्मानजक रोजगार और खेती किसानी की बेहतरी सुनिश्चित करने के अधिकार की मांग के समर्थन किया गया। सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट एवं एक देश समान शिक्षा अभियान के संयुक्त तत्वावधान में सात दिवसीय जन अधिकार चेतना यात्रा का शुभारम्भ मुंशी प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर उनके पैतृक गांव लमही से हुआ।

इस अवसर पर समाजवादी चिंतक अफलातून ने कहा चाहे जो भी सरकार सत्ता में आये लेकिन देश के सभी नागरिकों के लिए उच्चस्तरीय शिक्षा, सुलभ स्वास्थ्य, सम्मानजनक रोजगार (आजीविका) के अवसर और खेती किसानी के परेशानियों का मौलिक सवाल प्रायः अनुत्तरित ही है। ऐसे में आम व्यक्ति अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा एवं परिवारजनों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवा दिला पाने के लिए जद्दोजहद कर रहा है, युवा वर्ग चाहे वह गांव का हो या शहर का आज रोजगार और आजीविका के अवसर खोजने के लिए भटकने को मजबूर है। सार्वजनिक क्षेत्र में आउट सोर्सिंग, संविदा प्रणाली और सेवा प्रदाता कम्पनियों द्वारा ठेकेदारी पर काम लेने के बढ़ते चलन से पढ़े लिखे युवकों का शोषण दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। खेती किसानी और स्वरोजगार में भी जोखिम दिनों दिन बढ़ रहा है.

आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि जन अधिकार चेतना यात्रा के माध्यम से हम सभी के लिए बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के अधिकार और खेती किसानी से जुड़े मुद्दे को आमजन की आवाज बनाना चाहते हैं जिससे ये सवाल तमाम राजनैतिक पार्टियों और चुनाव में आने वाले प्रत्याशियों तक पहुंचे और वे इसके प्रति संवेदनशील बन सकें सदन में जाने पर उनकी कोई जवाबदेही सुनिश्चित हो।

यात्रा के संयोजक दीन दयाल सिंह ने बताया कि लमही (वाराणसी) से प्रारंभ होकर यात्रा गाजीपुर, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज, आजमगढ़, जौनपुर होते हुए हिरोशिमा दिवस पर छह अगस्त को सारनाथ वाराणसी पहुंचेगी। इस दौरान यात्रा दल के साथी रास्ते में पड़ने वाले गावों, बस्तियों, कस्बो और शहरों में पर्चे, पोस्टर, स्टीकर, जन गीत, जन संवाद आदि के माध्यम से अपनी चार सूत्रीय मांगों के पक्ष में समर्थन जुटाएंगे। यात्रा में 12 सदस्य शामिल हैं। जिनमे दीन दयाल, अजय पटेल, महेंद्र राठौर, मनोज कुमार, श्रद्धा पटेल, प्रियंका जायसवाल, अजय पटेल, दिव्या पांडेय, राजकुमार गुप्ता, सुरेश राठौर, अरविंद मूर्ति शामिल है। इस अवसर पर राम जनम, चंचल मुखर्जी, प्रदीप सिंह, सूरज पांडेय, विनय सिंह, रमेश प्रसाद, केशव शरण , राजेश, हरीश पाल आदि उपस्थित रहे।

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