सोनभद्र जिले में सावन के पहले दिन सवा लाख पार्थिव शिवलिंगों का हुआ रुद्राभिषेक
गुप्तकाशी में सावन लगते ही शिवालय भगवान भोले शंकर की जयघोष से गूंज उठे। सावन के पहले सोमवार को लेकर भी सभी तैयारी पूरी कर ली गई। जिले के सभी प्रसिद्ध शिवमंदिरों में कोरोना को देखते हुए इस बार विशेष तैयारी की गई है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र। गुप्तकाशी में सावन लगते ही शिवालय भगवान भोले शंकर की जयघोष से गंूज उठे। सावन के पहले सोमवार को लेकर भी सभी तैयारी पूरी कर ली गई। जिले के सभी प्रसिद्ध शिवमंदिरों में कोरोना को देखते हुए इस बार विशेष तैयारी की गई है। चोपन नगर स्थित काली मंदिर पर सावन के प्रथम दिन मिट्टी के सवा लाख पार्थिव शिवलिंग बनाकर पुजारियों द्वारा रूद्राभिषेक कराया गया। नगर में काली मंदिर पर सावन के प्रथम दिवस पर पिछले कई वर्षों से पार्थिव शिवलिंग बनाकर रूद्राभिषेक की परंपरा है। मंदिर के पुजारी मनीष तिवारी के साथ साथ भक्त इसमें बढ़चढ़ कर भाग लेते हैं। इस मौके पर आरसी द्विवेदी, रमाशंकर पांडेय, सुशील पांडेय, हीरालाल वर्मा, राजेश अग्रहरि आदि रहे।
घोरावल/शिवद्वार : गुप्तकाशी शिवद्वार में रविवार से श्री अभिषेकात्मक रुद्र महायज्ञ एवं श्रीराम कथा अमृत वर्षा का शुभारंभ हुआ। श्री अभिषेकात्मक रुद्र महायज्ञ समिति द्वारा आयोजित नौ दिवसीय महायज्ञ एवं श्रीराम कथा के प्रथम दिन सर्वप्रथम कलश यात्रा निकाली गई। बड़ी संख्या मे श्रद्धालु 108 कलशों को सिर पर रख कर बैंड बाजे के साथ धर्मध्वज पताका लेकर गांव में पदयात्रा किया। सबसे पहले कलश यात्रा शिवद्वार सरोवर किनारे पहुंची, जहां विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं ने कलश में पवित्र जल भरा। इसके पश्चात श्रद्धालुओं ने सिर पर कलश धारण कर गांव में भ्रमण करते हुए कार्यक्रम स्थल धर्मशाला प्रांगण में पहुंचे।
जहां विधि विधान के साथ मंडप प्रवेश की प्रक्रिया पूरी की गई और यज्ञ देवता की पूजा अर्चना की गई। मुख्य यज्ञाचार्य पं. प्रशांत त्रिपाठी के नेतृत्व में काशी से आए यज्ञाचार्यों ने मुख्य यजमान को महायज्ञ का संकल्प दिलाया। आयोजक समिति के सदस्य डा. परमेश्वर दयाल पुष्कर ने बताया कि 26 जुलाई से एक अगस्त तक सुबह आठ बजे देवताओं का पूजन। इसके बाद दिन में तीन बजे से शाम छह बजे तक वृंदावन से आई कथावाचिका किशोरी साक्षी दीदी द्वारा श्रीराम कथा का वर्णन व विश्लेषण किया जाएगा। वहीं दो अगस्त को हवन, पूर्णाहुति, अवभृत स्नान, कलश विसर्जन एवं भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर रामनिवास शुक्ला, रमाकांत दुबे, लवकुश उमर, उदितलाल अग्रहरि, सुरेश गिरी, संजय मोदनवाल आदि रहे।