Mission UP 2022 : बंगाल के तर्ज पर यूपी में उम्मीद की साइकिल, 2022 में खेला होई का नया नारा

पश्चिम बंगाल के चुनाव में खेला होबे स्लोगन अब बनारस तक पहुंच गया है। स्लोगन में आंशिक संशोधन करते हुए समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अब्दुल समद अंसारी ने अपने मकबूल आलम स्थित आवास के बाहर व अंदर की दीवारों पर उम्मीद की साइकिल 2022 में खेला होई लिखवाया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 07:43 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 07:43 PM (IST)
Mission UP 2022 : बंगाल के तर्ज पर यूपी में उम्मीद की साइकिल, 2022 में खेला होई का नया नारा
वाराणसी में सपा के पूर्व विधायक ने अपने आवास की दीवारों पर पेंट करवाया स्लोगन

वाराणसी, जागरण संवाददाता । पश्चिम बंगाल के चुनाव में 'खेला होबे स्लोगन अब बनारस तक पहुंच गया है। स्लोगन में आंशिक संशोधन करते हुए समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अब्दुल समद अंसारी ने अपने मकबूल आलम स्थित आवास के बाहर व अंदर की दीवारों पर 'उम्मीद की साइकिल, 2022 में खेला होई लिखवाया है। इसकी चर्चा नगर में होने लगी है।

सपा आगामी विधानसभा की तैयारी में पूरी तरह से जुटी हुई है। इसके तहत एक ओर पार्टी जहां सदस्यता अभियान तेज कर दी है। वहीं दूसरी ओर संगठनात्मक ढांचे को और मजबूत करने में भी जुटी हुई है। पार्टी वार्ड स्तर, पंचायत के सेक्टर स्तर, बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर रही है। इसके अलावा सभी कार्यकर्ताओं को मतदाता सूची पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया है। कार्यकर्ताओं को अपने-अपने इलाकों में मतदाताओं का नाम सूची में शामिल कराने का निर्देश दिया गया। एमएलसी के चुनाव के तर्ज पर सपा का मुख्य फोकस वर्तमान में मतदाता सूची पर टिकी हुई है। वहीं इस बार के विधान सभा में सपा ने महंगाई को मुद्दा बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए सपा ने व्यापक आंदोलन की भी रूपरेखा बनाई है।

आगामी यूपी विधान सभा में महंगाई को मुद्दा बनाने का समाजवादी पार्टी ने लिया निर्णय

पार्टी के महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा ने कहा भाजपा शासन में महंगाई चरम पर है। पेट्रोल-डीजल के साथ सरसों के तेल, दाल के दाम सहित अन्य खाद्य सामग्रियों के दामों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। कोविड महामारी के दौरान लोगों ने अपनी बचत को खर्च कर दिया। नौकरी जाने से लेकर सैलरी कम होने से लोग अपनी जमापूंजी खर्च करने पर विवश है। यही नहीं कोरोनकाल में सरकार का मैनेजमेंट पूरी तरह से विफल रहा है। ऑक्सीजन तो कोई दवा के अभाव में दम तोड़ किया। ऐसे तमाम लोग सरकार से नाराज है। ऐसे में कोविड काल भी चुनावी मुद्दा बनना तय है।

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