वाराणसी में महानवमी के दिन देवी के वात्सल्य स्वरूप में 101 कन्याओं का पूजन, मांगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

इस महाउत्सव में मां दुर्गा से सृष्टि के कल्याण की कामना की गई। इसके साथ ही देवी स्वरूप कन्याओं को शिक्षा सुरक्षा स्वास्थ्य और सम्पन्नता के उपहार भी भेंट किये गये। महाउत्सव में शामिल होने आये अतिथियों का स्वागत संस्था की अध्यक्षा संतोषी शुक्ला की ओर से स्वागत किया गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 03:45 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 03:45 PM (IST)
वाराणसी में महानवमी के दिन देवी के वात्सल्य स्वरूप में 101 कन्याओं का पूजन, मांगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद
महाउत्सव में शामिल होने आये अतिथियों का स्वागत संस्था की अध्यक्षा संतोषी शुक्ला की ओर से स्वागत किया गया।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। या देवी सर्वभूतेषु, कन्या रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः....। देवी अराधना के पावन पर्व महानवमी के दिन गुरूवार को नाटी इमली क्षेत्र में मां दुर्गा के वात्सल्य स्वरूप 101 कन्याओं का पूजन किया गया। इस महाउत्सव में मां दुर्गा से सृष्टि के कल्याण की कामना की गई। इसके साथ ही देवी स्वरूप कन्याओं को शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और सम्पन्नता के उपहार भी भेंट किये गये। महाउत्सव में शामिल होने आये अतिथियों का स्वागत संस्था की अध्यक्षा संतोषी शुक्ला की ओर से स्वागत किया गया।
मुख्यअतिथि समाजसेवी अजय सिंह बाॅबी ने कहा कि मेरा यह सौभाग्य है कि आज मैं इस महाउत्सव में शामिल हुआ हूं। मां दुर्गा का वात्सल्य स्वरूप एक ऐसा स्वरूप है, जिसे हम कन्या के रूप में पूजते हैं। उन्होंने कहा कि कन्या पूजन के सीधा तात्पर्य यह है कि मातृ शक्ति की अराधना। आज के दौर में मातृ शक्ति का सम्मान करना तथा उनको बराबरी का हक देना ही मां की सच्ची अराधना कही जायेगी।
डीएसएन फिलिंग केएसके एण्ड डीएसएन पोल्ट्री फार्म के प्रोपराइटर अंकित कुमार सिंह ने कहा कि देवी स्वरूप यह कन्याएं घर में सुख और समृद्धि की प्रतीक होती है। घर में बेटी का होना मतलब सौभाग्य का होना है। आंगन में हंसती खिलखिलाती बेटियां हमें तरक्की के मार्ग की ओर अग्रसर करती है। उन्होंने सभी लोगों से नारी शक्ति के सम्मान का आवाह्न किया।
समृद्धि नयन के एसोसिएट मनीष सिंह ने महाउत्सव के आयोजन के संस्था का आभार प्रकट करते हुए कहा कि कन्या पूजन के माध्यम से संस्था ने यह संदेश दिया है कि हमारे समाज में सर्वप्रथम महिलाओं का सम्मान होना चाहिए। कन्या पूजन सुख-समृद्धि का प्रतीक है, हम इस महाउत्सव के माध्यम से समाज और राष्ट्र के सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
संस्था की अध्यक्षता संतोषी शुक्ला ने कहा कि हमारे देश में आदि काल से देवी पूजन का विधान रहा है।
 यत्र नारी पूज्यंते रमंते तत्र देवता.... के विधान वाली इस धरती पर महिलाएं हर क्षेत्र में सशक्त भागीदारी निभाने का कार्य कर रही है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का आवाह्न करते हुए कहा कि वे अपने घर की महिलाओं को शिक्षा और सम्मान दे और जो कार्य वे करना चाहती है, उसमें उन्हें प्रोत्साहित करें, जिससे भारत के नव निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो सके। उन्होंने बताया कि दीक्षा महिला शोध कल्याण संस्थान प्रति वर्ष कन्या पूजन का महामहोत्सव आयोजित करता है। इस दौरान उपाध्यक्ष दिलीप खन्ना, उपेन्द्र जायसवाल, रेखा विश्वकर्मा, राखी वर्मा.सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। संचालन अरूण मिश्रा और धन्यवाद ज्ञापन कोषाध्यक्ष दीपू शुक्ला ने किया।
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