सोनभद्र में कनहर सिंचाई परियोजना पूरी होने पर लहलहाएंगे खेत, तीन प्रदेशों के 21 ग्राम पंचायतों को मिलेगी सिंचाई की सुविधा

महत्वाकांक्षी कनहर सिंचाई परियोजना सोनांचल के लोगों के लिए वरदान साबित होगी। परियोजना के पूरी होने के बाद जहां 35467 हेक्टेयर असिंचित भूमि सिंचित होगी वहीं दुद्धी एवं चोपन ब्लाक के लगभग 108 गांवों को भी लाभ पहुंचेगा। इससे जहां खेत लहलहाएंगे वहीं रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 04:27 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 04:27 PM (IST)
सोनभद्र में कनहर सिंचाई परियोजना पूरी होने पर लहलहाएंगे खेत, तीन प्रदेशों के 21 ग्राम पंचायतों को मिलेगी सिंचाई की सुविधा
सोनभद्र में कनहर सिंचाई परियोजना पूरी होने पर लहलहाएंगे खेत

सोनभद्र, सतीश सिंह। महत्वाकांक्षी कनहर सिंचाई परियोजना सोनांचल के लोगों के लिए वरदान साबित होगी। परियोजना के पूरी होने के बाद जहां 35467 हेक्टेयर असिंचित भूमि सिंचित होगी, वहीं दुद्धी एवं चोपन ब्लाक के लगभग 108 गांवों को भी लाभ पहुंचेगा। इससे जहां खेत लहलहाएंगे, वहीं रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

सोनभद्र के दुद्धी तहसील के अमवार में निर्माणाधीन कनहर सिंचाई परियोजना से तीन प्रदेशों के 21 ग्राम पंचायतों के दर्जनों गांवों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इसमें यूपी के 11, छत्तीसगढ़ के छह और झारखंड की चार ग्राम पंचायतें शामिल हैं। इस परियोजना के मूर्त रूप ले लेने से जिले के दुद्धी व चोपन ब्लाक के लगभग 108 गांवों में बंजर पड़े खेतों को सिंचाई की सुविधा मिल जाएगी। इससे उन खेतों में जहां हरियाली आएगी, वहीं खेतों में रबी और खरीफ दोनों फसलें लहलहाएंगी। परियोजना का निर्माण होने से किसानों की आय तो बढे़गी ही साथ ही रोजगार भी मिलेगा। परियोजना से जुड़े इन गांवों में सिंचाई की सुविधा न होने के कारण यहां के किसान पूरी तरह मानसून पर निर्भर रहते हैं। बारिश अच्छी हुई तो फसल अच्छी होने की उम्मीद रहती है, नहीं तो खेत सूखे ही रह जाते हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों में ज्यादातर किसान खेती नहीं कर पाते हैं। कनहर सिंचाई परियोजना के पूर्ण हो जाने के बाद दुद्धी व चोपन ब्लाक में इससे जुड़े गांवों का जलस्तर भी बढ़ जाएगा।

सैकड़ों वर्ष पुराने गांव व धार्मिक स्थल का मिट जाएगा अस्तित्व

कनहर सिंचाई परियोजना के मूर्त रूप लेने पर उसकी जद में आने वाले डूब क्षेत्र के सैकड़ों वर्ष पुराने कई गांवों व धार्मिक स्थलों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। परियोजना के डूब क्षेत्र में आने वालों में भीसूर, सुंदरी, सुगवामान, लांबी, कोरची, गोहड़ा, कुदरी सहित दर्जन भर गांव शामिल हैं। इन गांवों में सैकडों वर्ष पुराने धार्मिक स्थल के साथ ही श्मशान व कब्रिस्तान भी शामिल हैं, जिनका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। हालांकि इन गांवों में रहने वाले लोगों को सरकार ने मुआवजा देकर सुरक्षित जगह पर बसा दिया है।

2024 में पूरी होगी परियोजना, 80 फीसद काम पूरा

यूपी, छत्तीसगढ़ व झारखंड तीन राज्यों से जुड़ी कनहर सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य 1976 में शुरू हुआ था। 10 वर्ष भी इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन लगभग 47 वर्ष पूर्ण होने के बाद अभी तक महज 80 प्रतिशत कार्य पूरा हुआ है। कनहर सिंचाई परियोजना के 2024 तक पूरी होने की उम्मीद है। परियोजना की लागत अब तक लगभग 2239 करोड़ रूपये पहुंच चुकी है। इस परियोजना में अब तक 2000 करोड़ रूपये खर्च किए जा चुके हैं। परियोजना के तहत बन रहे 39.90 मीटर ऊंचे इस बांध की पानी स्टोरेज क्षमता 10.29 लाख क्यूसेक है। इसका कुल कैचमेंट एरिया यूपी, झारखंड व छत्तीसगढ़ को मिलाकर 4580 एस्क्वायर किमी है। परियोजना के तहत बन रहे अंउरग्राउंड वाटर टनल का कार्य भी लगभग 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है।

क्या कहते हैं अधिकारी

महत्वाकांक्षी कनहर सिंचाई परियोजना का कार्य वर्ष 2024 में पूरा होने की उम्मीद है। परियोजना का लगभग 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। परियोजना की कुल लागत 2239 करोड़ में अब तक 2000 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। कार्य निर्बाध गति से जारी है।

- दीपक कुमार, अधीक्षण अभियंता कनहर सिंचाई परियोजना।

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