अक्षय नवमी पर अपने हाथों से लगाए आंवले का पूजन अर्चन कर मांगा अक्षय सौभाग्‍य

जागृति फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित पूजन समारोह के मुख्य अतिथि नगर के प्रसिद्ध साहित्यकार डा. जयप्रकाश मिश्र विशिष्ट अतिथि सत्यांशु जोशी सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी अभिषेक त्रिपाठी व जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मित्र ने आंवला वृक्ष का विधि- विधान से पूजन अर्चन किया

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 13 Nov 2021 12:40 PM (IST) Updated:Sat, 13 Nov 2021 12:40 PM (IST)
अक्षय नवमी पर अपने हाथों से लगाए आंवले का पूजन अर्चन कर मांगा अक्षय सौभाग्‍य
कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि जिसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि जिसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ का पूजन अर्चन किया जाता है शास्त्रों में ऐसा वर्णन है कि अक्षय नवमी के दिन पूजन अर्चन करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। जागृति फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित पूजन समारोह के मुख्य अतिथि नगर के प्रसिद्ध साहित्यकार डा. जयप्रकाश मिश्र, विशिष्ट अतिथि सत्यांशु जोशी, सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी अभिषेक त्रिपाठी व जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मित्र ने आंवला वृक्ष का विधि- विधान से पूजन अर्चन किया

मंदिर के पुजारी अभिषेक त्रिपाठी ने विधि विधान से पूजन संपन्न कराया। इस अवसर पर आंवले के बीच में जल अर्पण करने के साथी विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया। इस अवसर पर साहित्यकार डा. जयप्रकाश मिश्र ने कहा कि आज जरूरत है प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाने की और पौधा लगाकर पर्यावरण को संरक्षित करने की तभी हम और हमारे परिवार सुखी संपन्न होगा। वहीं इस दौरान शहर भर में प्रमुख बाग बगीचों के बीच आस्‍थावानों ने भोजन कर अक्षय सौभाग्‍य की कामना की। 

इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक रामयश मिश्र ने कहा कि मेरा बेटा बड़ा हो गया वह फल भी देने लगा है।आज अक्षय नवमी पर जब मैं अपने हाथों से लगाए हुए आंवले के वृक्ष के पास पहुंचा तो पेड़ में लगे आंवले को देखकर मन इतना प्रसन्न हुआ कि उसको मैं शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। आज से 19 वर्ष पूर्व अस्सी स्थित गोयनका संस्कृत विद्यालय में लगाया गया आंवला का पेड़ आज बड़ा हो गया है और वह फल भी देने लगा है। आज उस वृक्ष के नीचे पूजन करके मन को असीम आनंद की प्राप्ति हुई। ऐसा लगा कि साक्षात वृक्ष के रूप में भगवान खड़े हैं। इस अवसर पर पुनीत ओझा, अभिषेक त्रिपाठी, सत्यांशु जोशी सहित काफी संख्या में महिला और पुरुष श्रद्धालु उपस्थित थे।

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