ओमप्रकाश राजभर ने किया स्पष्ट - असदुद्दीन ओवैसी से कोई मतभेद नहीं, अक्टूबर में साफ करेंगे रणनीति
उत्तर प्रदेश में बगावती तेवर अपनाकर भाजपा से अलग होने वाले ओम प्रकाश राजभर के बीते दिनों भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात चर्चा में रही है। इसके साथ ही अब एआइएमआइएम के साथ गठबंधन को लेकर नए सिरे से चर्चा ने जोर पकड़ा है।
वाराणसी, इंटरनेट डेस्क। उत्तर प्रदेश में बगावती तेवर अपनाकर भाजपा से अलग होने वाले ओम प्रकाश राजभर के बीते दिनों भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात चर्चा में रही है। इसके साथ ही अब एआइएमआइएम के साथ गठबंधन को लेकर नए सिरे से चर्चा ने जोर पकड़ा है। इस बाबत शनिवार को ओमप्रकाश राजभर वाराणसी में थे। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी से संबंधों को अभी बरकरार रहने को लेकर सियासी चर्चाओं पर विराम लगाने की कोशिश की है।
सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी एआइएमआइएम से कोई मतभेद नहीं है। बताया कि अभी तक हम साथ चुनाव लड़ेंगे, ओवैसी हमसे अलग नहीं हुए हैं। इस बाबत 27 अक्टूबर को स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया है। बताया कि हम न अलग नहीं हुए हैं, इस बाबत कहीं से भी कोई संवादहीनता नहीं है। हम आपस में संपर्क में हैं। वहीं बातचीत के दौरान स्थानों के नाम बदलने को लेकर भी उन्होंने सरकार पर चोट की। महंगाई और अन्य मामलों के साथ ही कहा कि बीजेपी को प्रदेश में बाढ़ की नहीं बल्कि अपने वोट की चिंता है।
शनिवार दोपहर वाराणसी के दीप नारायण इंटर कॉलेज कटारी, चोलापुर में सुभासपा द्वारा महिला अधिकार जागरूकता सम्मेलन आयोजित किया गया है। इसमें मुख्य अतिथि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी प्रमुख एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर भी शामिल हुए हैं। इससे पूर्व ओम प्रकाश राजभर ने मीडिया से बात करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी के साथ संबंधों को लेकर अपना मत व्यक्त किया। बताया कि पार्टी समान विचार धारा के लोगों के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। इस बाबत दो माह में रणनीति स्पष्ट हो जाएगी। पूर्वांचल में पार्टी की बुनियाद मजबूत है और चुनाव की तैयारी में पार्टी की सक्रियता इस समय बनी हुई है।
उभरा था मतभेद : पूर्वांचल में असदुद्दीन ओवैसी के साथ साल की शुरुआत में दौरा कर प्रदेश में सियासी गठजोड़ की इबारत लिखने वाले एआइएमआइएम और सुभासपा की ओर से 2022 का विधानसभा चुनाव साथ लड़ने की बात कही गई थी। हालांकि, माह भर पूर्व एक तरफा फैसला लेते हुए ओवैसी ने सौ सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। मगर, इस बाबत सुभासपा की ओर से अगले दिन सीटों को लेकर कोई फैसला नहीं होने की जानकारी देकर गठबंधन को लेकर अन्य दलों से भी बातचीत के लिए दरवाजे खुले रहने की बात कही थी। इसके बाद से ही दोनों दलों में गठबंंधन के भविष्य को लेकर आशंका के बादल मंडरा रहे थे।