वाराणसी के छह ब्लाकों में स्थापित होगा पुष्टाहार प्लांट, निर्माण पर खर्च होगा पांच करोड़ चालीस लाख

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) तहत गठित महिला समूह ही अब आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़ी महिलाओं व नन्हे-मुन्ने के बेहतर सेहत के लिए पूरक पुष्टाहार का निर्माण करेंगी। साथ ही केंद्र तक पहुंचाएंगी भी। वाराणसी में इसकी तैयारी शुरू हो गई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 08:24 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 08:24 AM (IST)
वाराणसी के छह ब्लाकों में स्थापित होगा पुष्टाहार प्लांट, निर्माण पर खर्च होगा पांच करोड़ चालीस लाख
एनआरएलएम के तहत गठित महिला समूह पुष्टाहार का निर्माण करेंगी।

वाराणसी, विकास ओझा। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) तहत गठित महिला समूह ही अब आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़ी महिलाओं व नन्हे-मुन्ने के बेहतर सेहत के लिए पूरक पुष्टाहार का निर्माण करेंगी। साथ ही केंद्र तक पहुंचाएंगी भी। जिले में इसकी तैयारी शुरू हो गई है। बकायदा, इसके लिए जिले के छह ब्लाक बड़ागांव, सेवापुरी, करघना, आराजीलाइन, चोलापुर, चिरईगांव में प्लांट स्थापित किए जाने की तैयारी है। एक प्लांट के निर्माण पर लगभग 90 लाख रुपये खर्च होंगे। इस तरह छह प्लांट पर कुल पांच लाख चालीस हजार रुपये खर्च होंगे। इसमें प्लांट की मशीन, पेयजल- बिजली कनेक्शन समेत अन्य तकनीकी सामान क्रय किए जाएंगे। एक प्लांट से 300 महिला समूह जुटेंगी।

माइक्रो इंटरप्राइजेज के रूप में समूहों का होगा रजिस्ट्रेशन

समूहों का रजिस्ट्रेशन माइक्रो इंटरप्राइजेज के रूप में होगा। बकायदा कंपनी की तर्ज पर यूनिट संचालन को लाइसेंस दिया जाएगा। महिला समूहों के बीस सदस्यों का संचालक मंडल होगा। इसमें एससी वर्ग से जुड़ी पचास फीसद महिलाएं होंगी।

अंशदान के रूप में समूहों को जमा करने होंगे 30,000 रुपये

एक प्लांट के संचालन के 300 समूहों को जोड़ा जाएगा। प्रत्येक समूह को तीस हजार रुपये इसमें अंशदान के रूप में जमा करना होगा। इस योजना में सरकार की ओर से कोई धनराशि नहीं दी जाएगी। सिर्फ महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से वर्किंग कैपिटल के रूप में लगभग दो माह की एडवांस धनराशि उपलब्ध करायी जाएगी।

एक प्लांट से प्रतिदिन 2.5 टन उत्पादन, आमदनी समूहों के नाम

एक प्लांट से प्रतिदिन 2.5 टन पूरक पुष्टाहार का निर्माण हो सकेगा। निर्माण के बाद प्लांट से जुड़ी समूह की महिलाए ब्लाक के प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र पर इसका वितरण करेंगी। इससे होने वाली आमदनी सीधे समूहों की महिलाओं के नाम होगा। समूह से जुड़ी महिलाओं के संचालक मंडल की ओर से आमदनी अंश बराबर हिस्से में दिया जाएगा। मानिटरिंग एनआरएलएम की ओर से किया जाएगा।

पुष्टाहार का होगा यूं निर्माण

आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़े लाभार्थियों को सेहतमंद रखने के लिए पूरक पुष्टाहार सरकार की ओर से दिया जाता है। इसमें चना, गेहूं, चावल, तेल, घी, दूध, रिफाइंड आदि शामिल रहता है। बताया जा रहा है इसी से समूह की महिला सेहतमंद पुष्टाहार निर्माणकर पैकेजिंग कर केंद्रों तक पहुंचाएंगी। क्या क्या बनाएंगी। किस तरह बनाएंगी। अभी बहुत कुछ आदेश में स्पष्ट नहीं किया गया है।

गर्भवती महिलाओं व छह वर्ष तक के बच्चों को पूरक पुष्टाहार

जिले में 3914 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इससे तीन लाख अस्सी हजार महिला व बच्चे जुड़े हैं। केंद्र पर आने वाली गर्भवती महिलाओं व छह वर्ष तक के बच्चों को पूरक पुष्टाहार के रूप दिया जाता है।

वितरण का संसाधन पहले से मौजूद

प्रत्येक ब्लाक में समूह को ब्याज रहित वाहन पहले से दिया गया है। इसका नाम आजीविका एक्सप्रेस वे दिया गया है। समूह अपना उत्पाद केंद्र तक पहुंचाने में इस संसाधन का उपयोग कर सकेंगे।

इस योजना को शासन के निर्देश के क्रम में जमीन पर उतारने की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा

इस आशय का आदेश आया हुआ है। प्रदेश के दो जिले फतेहपुर व उन्नाव में इस तरह का प्लांट चल रहा है। जिले से विभागीय एक टीम इन जिलों में जाएगी। प्रशिक्षण प्राप्त करेगी। इसके बाद इस योजना को शासन के निर्देश के क्रम में जमीन पर उतारने की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा।

- दिलीप कुमार सोनकर, उपायुक्त स्वत: रोजगार

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