Varanasi में अब राजकीय कालेजों में खुलेंगे स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम, नई नियुक्त करने का मार्ग भी प्रशस्त
राजकीय महाविद्यालयों में भी स्ववित्तपोषित रोजगारपरक पाठ्यक्रमों खोले जाएंगे। यहीं नहीं संविदा पर शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत प्रथम चरण में सूबे के 74 राजकीय कालेजों को संघटक (कांसटीएंट) महाविद्यालय के रूप में विकसित करने की योजना है।
वाराणसी, जेएनएन। अब राजकीय महाविद्यालयों में भी स्ववित्तपोषित रोजगारपरक पाठ्यक्रमों खोले जाएंगे। यहीं नहीं संविदा पर शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत प्रथम चरण में सूबे के 74 राजकीय कालेजों को संघटक (कांसटीएंट) महाविद्यालय के रूप में विकसित करने की योजना है। कांसटीएंट कालेज को विश्वविद्यालय की इकाई के रूप में जाने जाएंगे। राजकीय कालेजों का भूमि-भवन विश्वविद्यालयों को हस्तांतरित कर दिए जाएंगे। कालेजों का प्रशासकीय व वित्तीय व शैक्षणिक नियंत्रण विश्वविद्यालय के अधीन होगा।
आवश्यकतानुसार शिक्षकों व कर्मचारियों के पद सृजित करने व संविदा पर नियुक्त करने अधिकार भी विश्वविद्यालय को होगा। स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों से होने वाला आय पर विश्वविद्यालय का ही अधिकार होगा। वहीं महाविद्यालयों में नियुक्त शिक्षक व कर्मचारी अब राज्य सरकार के स्थान पर विश्वविद्यालय के होंगे। जबकि महाविद्यालयों में प्रयोगशाला व भवन फर्नीचर के लिए राज्य सरकार एकमुश्त वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएंगी। उपलब्ध संसाधनों के आधार पर नए संकायों व विभागों डिग्री, डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किए जाएंगे।
चार कालेज अब विद्यापीठ की होगी इकाई
इस संबंध में शासन की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग की ओर से महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ सहित सूबे के 12 विश्वविद्यालयों को परिपत्र भेजा है। इसमें प्रथम चरण में विद्यापीठ से संबद्ध चार कालेजों को संघटक (कांसटीएंट) महाविद्यालय का दर्जा देने की बात कही गई है। अर्थात यह चारों कालेजों अगले सत्र से विद्यापीठ की इकाई के रूप में जाना जाएगा। हालांकि प्राचार्य पद पहले की भांति यथावत रहेगा।
काशी विद्यापीठ से संबद्ध ये कालेज होंगे संघटक
वाराणसी : सरदार बल्लभ भाई पटेल राजकीय महाविद्यालय (बरकी-सेवापुरी)
-मीरजापुर : राजकीय महिला महाविद्यालय (उमरिया-मझवां)
चंदौली : राजकीय महिला महाविद्यालय (सैय्यदरजा)
सोनभद्र : राजकीय महिला महाविद्यालय (पुखरा-बभनी)
संघटक कालेजों से विश्वविद्यालयों की साख और बढ़ेगी
संघटक कालेजों से विश्वविद्यालयों की साख और बढ़ेगी। वहीं कालेजों में पठन-पाठन की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। अगले माह होने वाली कार्यपरिषद में इसे मूर्त रूप दिया जाएगा। चंदौली के राजकीय महिला महाविद्यालय (सैय्यदरजा) में भवन निर्माण का कार्य लगभग 85 फीसद पूरा हो चुका है। ऐसे में प्रथम चरण में चंदौली में नए पाठ्यक्रम खोलने की तैयारी है।
-प्रो.टीएन सिंह, कुलपति काशी विद्यापीठ