गाजीपुर में अब अंगूठा लगा कर ही गेहूं बेच सकेंगे किसान,अब आधार से ही नहीं चलेगा काम

गाजीपुर में किसानों से गेहूं खरीद के लिए कुल 55 ई-पास मशीन शासन से प्राप्त हो गई है। अब पंजीकृत किसान को पंजीकरण सत्यापन के लिए अंगूठा लगाना होगा। अब तक केवल आधार कार्ड के माध्यम से ही यह काम हो जाता था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 09:42 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 09:42 PM (IST)
गाजीपुर में अब अंगूठा लगा कर ही गेहूं बेच सकेंगे किसान,अब आधार से ही नहीं चलेगा काम
अब पंजीकृत किसान को पंजीकरण सत्यापन के लिए अंगूठा लगाना होगा।

गाजीपुर, जेएनएन। जनपद में किसानों से गेहूं खरीद के लिए कुल 55 ई-पास मशीन शासन से प्राप्त हो गई है। अब पंजीकृत किसान को पंजीकरण सत्यापन के लिए अंगूठा लगाना होगा। अब तक केवल आधार कार्ड के माध्यम से ही यह काम हो जाता था।

शासन की मंशा के अनुरूप अब जनपद के क्रय केंद्रों पर ई पास मशीन से खरीद प्रारंभ हो जाएगा। शासन ने केंद्र पर मशीन के माध्यम से गेहूं खरीद करने के लिए विभाग के पोर्टल को सक्रिय कर दिया है। अब वही किसान गेहूं विक्रय कर पाएगा जिसके नाम से पंजीकरण होगा या किसान ने जिसको पंजीकरण के समय नामिनी नियुक्त किया है। किसान को विक्रय के समय अपने साथ आधार, पंजीकरण प्रमाण पत्र, खतौनी तथा बैंक पासबुक ले जाना अनिवार्य होगा। अब पंजीकृत किसान केंद्र पर बिना गए गेहूं नहीं बेच पाएगा।

किसान स्वयं अथवा पंजीयन में नामित सदस्य केंद्र पर अपना गेहूं ई-पाास के माध्यम से विक्रय कर सकते

मुख्यालय द्वारा सभी केंद्रों पर ई-पास मशीन से खरीद किए जाने हेतु पोर्टल को सक्रिय कर दिया गया है। किसान स्वयं अथवा पंजीयन में नामित सदस्य केंद्र पर अपना गेहूं ई-पाास के माध्यम से विक्रय कर सकते हैं।

-रतन कुमार शुक्ला, जिला विपणन अधिकारी।

भांवरकोल क्षेत्र के मुंडेरा बुजुर्ग क्रय केंद्र पर सड़ रहा किसानों का गेहूं

भांवरकोल ब्लाक क्षेत्र के मुंडेरा बुजुर्ग क्रय केंद्र के लापरवाह व गैर जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों ने किसानों की खून-पसीने की कमाई मिट्टी में मिला दिया। उठान न होने के कारण यहां खरीदा गया किसानों का गेहूं और धान बारिश से भींग कर सड़ गया। हां, धान भी, क्योंकि अभी तक यहां पिछले सीजन में खरीदा गया धान भी यहीं छोड़ दिया गया है। किसानों को भले ही इसके पैसे मिल गए हों, लेकिन अपनी मेहनत की कमाई को इस तरह बर्बाद होते देख उनका कलेजा निकल जा रहा है। किसानों का कहना है कि वह लोगों का पेट भरने के लिए अनाज पैदा करते हैं, सड़ाने के लिए नहीं। सुखडेहरा केंद्र पर भी बारिश से गेहूं भींग रहा है।

दुर्व्यवस्था का आलम : शासन द्वारा किसानों के हित में निर्धारित किया गया सहकारी समिति मुंडेरा बुजुर्ग स्थित गेहूं क्रय केंद्र स्थानीय कर्मचारियों एवं प्रशासन की उदासीनता के कारण दुर्व्यवस्था का व्यवस्था का शिकार है। यहां न तो पर्याप्त बोरे हैं और न ही तौल या उठान की समुचित व्यवस्था। उठान न होने के कारण लगभग 1000 बोरी क्रय किया गया गेहूं अब भी क्रय केंद्र पर पड़ा हुआ है।

इन किसानों का पड़ा है गेहूं: किसान प्रेम नारायण राय, दीनानाथ राय, अवधेश नारायण राय, समुद्री देवी राम, सुंदर यादव, श्री कृष्ण यादव तथा प्रेम किशोर सहित अन्य किसानों का गेहूं बिना क्रय के पड़ा हुआ है। मौसम के मिजाज को देखकर किसानों की चिंता भी बढ़ रही है। इस क्रय केंद्र की दुर्व्यवस्था का सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है। गेहूं के सड़ने से आ रही दुर्गंध से वहां खड़ा होना तो मुश्किल है ही, साथ ही संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका हो रही है।

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