अब बेमौसम सब्जी की खेती कर मीरजापुर क्षेत्र के किसान होंगे मालामाल, स्वयं सहायता समूह महिलाओं व मनरेगा श्रमिकों को मिलेगा रोजगार

अब वह दिन दूर नहीं जब विंध्य क्षेत्र के किसान मौसम के विपरीत सब्जी का खेती कर अपनी आय दोगुनी करेंगे। बेमौसम की सब्जियां महंगी मिलती हैं इसकी खेती किसान नहीं कर पाते थे उनके लिए पौध तैयार करने की अहम समस्या होती थी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 05:33 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 05:33 PM (IST)
अब बेमौसम सब्जी की खेती कर मीरजापुर क्षेत्र के किसान होंगे मालामाल, स्वयं सहायता समूह महिलाओं व मनरेगा श्रमिकों को मिलेगा रोजगार
अब वह दिन दूर नहीं जब विंध्य क्षेत्र के किसान मौसम के विपरीत सब्जी का खेती कर आय दोगुनी करेंगे।

जागरण संवाददाता, मीरजापुर। अब वह दिन दूर नहीं जब विंध्य क्षेत्र के किसान मौसम के विपरीत सब्जी का खेती कर अपनी आय दोगुनी करेंगे। बेमौसम की सब्जियां महंगी मिलती हैं, इसकी खेती किसान नहीं कर पाते थे, उनके लिए पौध तैयार करने की अहम समस्या होती थी। मगर अब मिनी सेंटर आफ एक्सीलेंस बन जाने से इस समस्या का निदान हो जाएगा और किसान आसानी से बेमौसम सब्जी की खेती कर सकेंगे।

उद्यान विभाग की ओर से रूर्बन के तहत एक करोड़ चार लाख रुपये की लागत से पटेहरा के उद्यान विभाग में बनवाए जा रहे मिनी सेंटर आफ एक्सीलेंस नवंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा। इसे बनाने का जिम्मा साईं समरथ एरी गेटस पुणे महाराष्ट्र की एजेंसी ने लिया है। मिनी सेंटर आफ एक्सीलेंस एक हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में दो भाग में बनकर दिसंबर से काम करने लगेगा। इसमें टमाटर, मिर्च, बैगन, पपीता, गोभी, कद्दू वर्गीय सब्जियों के पौध तैयार होंगे। सभी पौध रोग रहित होंगे। उन पर बरसात का कोई असर नहीं होगा। हर वर्ष 12 लाख पौध तैयार किए जाएंगे, जो क्षेत्र के किसानों के लिए वरदान साबित होगा। किसान चाहें तो अपना बीज देकर एक रुपया पौध शुल्क के साथ तैयार पौध ले सकते हैं। विभाग उन्नतशील प्रजाति के पौध भी तैयार करेगा। डीसी मनरेगा एनआरएलएम मो. नफीस अहमद ने बताया कि मिनी सेंटर आफ एक्सीलेंस बनने से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं व मनरेगा श्रमिकों को भी पर्याप्त रोजगार मिलेगा।

इजरायल तकनीक से बन रहा मिनी सेंटर आफ एक्सीलेंस फार वेजिटेबल

सब्जियों की खेती करने वालों के सामने पौध की कई बार समस्या आ आती है। अब किसानों को किसी भी मौसम में अच्छी नर्सरी के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। सेंटर आफ एक्सीलेंस फार वेजीटेबल केंद्र से उनकी कई समस्याएं हल हो जाएंगी। इजरायल के तकनीक सहयोग से मिनी सेंटर आफ एक्सीलेंस फार वेजिटेबल का निर्माण लगभग पूरा होने वाला है। दिसंबर तक चालू हो जाएगा। यहां किसानों को सब्जी उत्पादन की नई जानकारियां दी जाएंगी। सब्जियों के ज्यादा बीज हाईब्रिड और महंगे हैं। उनकी नर्सरी कई बार किसान अच्छे से तैयार नहीं कर पाते जिससे नुकसान हो जाता है, लेकिन यहां थोड़े पैसे देकर वो पौध ले सकेंगे।

मिनी सेंटर आफ एक्सीलेंस नवंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा, दिसंबर से काम शुरू हो जाएगा

रूर्बन से बने मिनी सेंटर आफ एक्सीलेंस पटेहरा, राजगढ़, हलिया व सीखड़ के किसानों के लिए वरदान साबित होगा। अब किसान बेमौसम सब्जियों की खेती कर अपनी आय दोगुनी कर सकेंगे। मिनी सेंटर आफ एक्सीलेंस नवंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा। दिसंबर से काम शुरू हो जाएगा।

- मेवाराम, जिला उद्यान अधिकारी।

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