अब पुलिस की गिरफ्त से भागने पर मुजरिमों को लगेगा झटका, वाराणसी के इंजीनियरिंग छात्र ने बनाई स्मार्ट हथकड़ी

वाराणसी के शिवपुर निवासी इंजीनियरिंग के पूर्व छात्र ऋषिकांत उपाध्याय ने कोविड-19 वायरस से पुलिस के जवानों की सेफ्टी के लिए स्मार्ट हथकड़ी बनाई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 08:10 AM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 09:33 AM (IST)
अब पुलिस की गिरफ्त से भागने पर मुजरिमों को लगेगा झटका, वाराणसी के इंजीनियरिंग छात्र ने बनाई स्मार्ट हथकड़ी
अब पुलिस की गिरफ्त से भागने पर मुजरिमों को लगेगा झटका, वाराणसी के इंजीनियरिंग छात्र ने बनाई स्मार्ट हथकड़ी

वाराणसी [मुहम्मद रईस]। आए दिन पुलिस की गिरफ्त से मुजरिमों के भागने की खबरें आती रहती हैं। मगर अब ऐसा नहीं होगा। शिवपुर निवासी इंजीनियरिंग के पूर्व छात्र ऋषिकांत उपाध्याय ने कोविड-19 वायरस से पुलिस के जवानों की सेफ्टी के लिए स्मार्ट हथकड़ी बनाई है। इस वायरलेस  स्मार्ट हथकड़ी से पुलिस के जवान कई अपराधियों को बिना हाथ लगाए पकड़ सकेंगे। मुजरिम के 2 से 5 मीटर दूर जाते ही हाथकड़ी एक्टिवेट हो जाएगी और इस दायरे से बाहर निकलते ही मुजरिम को करेंट का जबर्दस्त झटका लगेगा।

ऋषिकांत वर्तमान में मीरजापुर स्थित एक निजी विद्यालय में वाइस-प्रिंसीपल हैं। बताते हैं कि झटका लगने के बाद भी किसी तरह पुलिस से बचकर निकलने वालों की तलाश भी बेहद आसान होगी। इसके लिए इसमें जीपीएस लगाया गया है। माइक व कैमरा भी है, जिसकी मदद से मुजरिम के आस-पास की आवाज सुनने के साथ ही विजुअल भी देखा जा सकेगा। फिलहाल इसके ट्रायल के लिए पुलिस विभाग से संपर्क किया जा रहा है।

पिता से मिली प्रेरणा

ऋषिकांत के पिता विनोद उपाध्याय पेश से वकील हैं। अक्सर उनसे सुनते रहते थे कि मुजरिम पुलिस को चकमा देकर भाग निकले। इन बातें से उन्हें स्मार्ट हथकड़ी का विचार तो आया, मगर वक्त नहीं था। लॉकडाउन के दौरान जब उन्हें भरपूर वक्त मिला तो विचार को मूर्त रूप देने में जुट गए। प्रोटोटाइप तैयार करने के बाद उन्होंने अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट से संपर्क किया। यहां रिसर्च एवं डेवलपमेंट विभाग के इंचार्ज श्याम चौरसिया के निर्देशन में इसे और बेहतर बनाया जा रहा है।

इनका हुआ है प्रयोग

स्मार्ट हाथकड़ी में जीपीएस, 3.7 वोल्ट बैटरी, 9 वोल्ट बैटरी, हाई करेंट सर्किट, माइक व कैमरा लगा है। मोबाइल से इसे ट्रैक किया जा सकेगा और आसपास की आवाज सुनने के साथ ही वहां के विजुअल भी देखे जा सकेंगे।

प्रजेंटेशन से संतुष्ट करने में कामयाब होते हैं तो इसे आगे भेजने पर विचार किया जा सकता है

इस तरह की चीजें वाकई अच्छी हैं। यदि ये लोग मेरे पास आते हैं और प्रजेंटेशन से संतुष्ट करने में कामयाब होते हैं तो इसे आगे भेजने पर विचार किया जा सकता है।

- विजय सिंह मीणा, आइजी-वाराणसी रेंज।

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