बलिया में डेंगू के 31 मरीज, बुखार आने पर जांच जरूरी, कई इलाकों में बढ़ते जा रहे मरीज

गर्मी और खासकर बारिश के मौसम में मच्छर से होने वाली बीमारियां भी बढ़ जाती हैं। बलिया के कई हिस्सों में डेंगू के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं। जिले में अभी तक कुल 31 डेंगू के मरीज हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 06:00 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 06:00 AM (IST)
बलिया में डेंगू के 31 मरीज, बुखार आने पर जांच जरूरी, कई इलाकों में बढ़ते जा रहे मरीज
गर्मी और खासकर बारिश के मौसम में मच्छर से होने वाली बीमारियां भी बढ़ जाती हैं।

बलिया, जागरण संवाददाता। गर्मी और खासकर बारिश के मौसम में मच्छर से होने वाली बीमारियां भी बढ़ जाती हैं। बलिया के कई हिस्सों में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अभी तक कुल 31 डेंगू के मरीज हैं। जिला अस्पताल के सीएमएस डा. बीपी सिंह ने बताया कि डेंगू होने पर बुखार के अलावा सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द भी होता है। इसके अलावा आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजाेरी, भूख नहीं लगना, गले में दर्द होना, मुंह का स्वाद खराब हो जाना और शरीर पर रैशेज जैसे लक्षण भी नजर आ सकते हैं। डेंगू के ज्यादातर लक्षण आम वायरल फीवर जैसे ही होते हैं। इसलिए तीन दिन ये ज्यादा बुखार आने पर जांच अवश्य कराना चाहिए। डेंगू से संक्रमित होने पर प्लेटलेट्स कम होने लगता है। अभी तक जिला अस्पताल में कोई मरीज भर्ती नहीं हैं। ओपीडी में दिखाकर सभी मरीज घर पर रहकर अपना उपचार करा रहे हैं।

कैसे होता है डेंगू : जिला मलेरिया अधिकारी डा. सुनील कुमार ने बताया कि डेंगू आमतौर पर मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। ये खास तरह के मच्छर होते हैं, जिनके शरीर पर चीते जैसी धारियां पाई जाती हैं। ये मच्छर खासतौर पर सुबह के समय काटते हैं। डेंगू की तरह मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे मच्छर से होने वाली बीमारियां आमतौर पर बरसात के दिनों और उसके बाद के महीने यानी जुलाई से अक्टूबर के बीच में तेजी से फैलती हैं। जो शख्स डेंगू से पीड़ित होता है, उसके शरीर में काफी मात्रा में वायरस पाया जाता है। इसके अलावा जब कोई एडीज मच्छर किसी डेंगू के मरीज को काटता है तो उसका खून भी चूसता है। इसके बाद जब यह मच्छर किसी स्वस्थ इंसान को काटता है, तो उसे भी डेंगू हो जाता है।

जलजमाव के कारण बढ़ा ज्यादा खतरा : डेंगू के मामले में घर-घर के लोग सतर्कता बरत रहे हैं लेकिन घर के बाहर जो जलजमाव है, उससे संक्रामक बीमारियों के फैलने का ज्यादा खतरा है। शहर की बात करें तो यहां जगह-जगह तीन माह से जलजमाव है। इधर बारिश के चलते भी स्थिति और भयावह हो गई है। नगरपालिका के नाले भी जगह-जगह जाम हैं। माेहल्लों की छोटी नालियां खुली पड़ीं हैं। फागिंग का कार्य भी केवल नाम के लिए हो रहा है।

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