द्वितीय विश्व युद्ध के सोनभद्र निवासी सैनिक के पुत्र को 332640 रुपये जुर्माना भरने का नोटिस

द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिक स्व. केदारनाथ दुबे के पुत्र को सोनभद्र के रिहंद कालोनी सिविल अनुरक्षण खंड के अधिशासी अभियंता वाईडी शर्मा ने नोटिस जारी कर आवंटित भूमि से अतिक्रमण हटाने व जुर्माना जमा करने को कहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 07:56 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 08:50 PM (IST)
द्वितीय विश्व युद्ध के सोनभद्र निवासी सैनिक के पुत्र को 332640 रुपये जुर्माना भरने का नोटिस
द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिक के पुत्र को अधिशासी अभियंता वाईडी शर्मा ने नोटिस जारी किया।

सोनभद्र, जेएनएन। द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिक स्व. केदारनाथ दुबे के पुत्र को रिहंद कालोनी सिविल अनुरक्षण खंड के अधिशासी अभियंता वाईडी शर्मा ने नोटिस जारी कर आवंटित भूमि से अतिक्रमण हटाने व जुर्माना जमा करने को कहा है। अधिशासी अभियंता की नोटिस मिलने के बाद सैनिक का परिवार असमंजस में पड़ गया है। कहना है कि वर्ष 1969 में सिंचाई विभाग द्वारा भूमि आंवटित की गई थी बावजूद इसके अवैध अतिक्रमण कहकर उन्हें परेशान किया जा रहा है।

द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिक स्व. केदारनाथ दुबे की पत्नी सावित्री देवी को सिंचाई विभाग पिपरी ने आठ दिसंबर 1969 को रहने के लिए भूमि आवंटित किया था। सैनिक के परिवार ने प्लाट आवंटित होने के बाद 18 मार्च 2009 को 16835 रुपये बतौर किराए की धनराशि भी जमा कर दी। सिंचाई विभाग ने प्लाट तो आवंटित कर दिया लेकिन वह प्लाट कहा है, यह चिन्हित नहीं किया गया। सैनिक के पुत्र जनार्दन दुबे का कहना है कि प्लाट को चिन्हित तो नहीं किया गया लेकिन एक जनवरी 1999 से अवैध अतिक्रमण की रिपोर्ट बनाकर 13 अप्रैल 2010 को नोटिस थमा दी गई। चालू वर्ष 2021 में 24 फरवरी को पुन: नोटिस मिलने के बाद मालूम हुआ कि आवंटित भूमि पर अवैध अतिक्रमण मानते हुए 332640 रुपये का जुर्माना भी लगा दिया गया। बताया कि प्लाट उनकी मां के नाम आवंटित है और नोटिस उन्हें दी जा रही है। सैनिक के स्वजनों ने बेघर करने व बेवजह परेशान करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से न्याय दिलाने की मांग की है।

द्वितीय विश्व युद्ध में पैर में लगी थी गोली

जनार्दन दुबे ने बताया कि उनके पिता स्व. केदारनाथ दुबे की भर्ती डोगरा रेजिमेंट में वर्ष 1942 में हुई थी। वर्ष 1945 में उनके पिता को बर्मा युद्ध में भेजा गया। जहां उनके पैर में गोली लगी थी। पिता को रेजीमेंट में भर्ती से पहले सिविल ट्रेनिंग में पाकिस्तान के लाहौर भेजा गया था। उस वक्त लाहौर भारत का ही हिस्सा था। रिहंद बांध के निर्माण में उनके पिता की तैनाती हुई थी। तभी से सैनिक का यह परिवार तुर्रा में रह रहा है।

न्यायालय से निर्णय होने के बाद दी नोटिस

उपजिलाधिकारी दुद्धी के न्यायालय में यह वाद चला। साक्ष्य व गवाहों के अनुसार भूमि रिहंद कालोनी सिविल अनुरक्षण खंड जो कि एक राजकीय निगम लिमिटेड है के पक्ष में पाई गई और न्यायालय से बीते 19 फरवरी को फैसला विभाग के पक्ष में आया। फैसला आने के बाद बीते 24 फरवरी को जनार्दन दुबे को नोटिस जारी की गई है। - वाईडी शर्मा, अधिशासी अभियंता, रिहंद कालोनी सिविल अनुरक्षण खंड।

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