Khadi exhibition in Varanasi : कारीगरी ही नहीं, विभिन्न राज्यों की संस्कृति का संगम है खादी प्रदर्शनी का 90 स्टाल

वाराणसी में खादी प्रदर्शनी में रविवार को पहले दिन 90 स्टाल सज चुके थे। जबकि अनेक स्टालों का निर्माण कार्य जारी था। विभिन्न राज्यों से आए कारीगर अपने उत्पादों की नुमाइश कर वाहवाही बटोरने तथा उनकी बिक्री करने की तैयारियों में जुटे थे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 10:27 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 10:27 PM (IST)
Khadi exhibition in Varanasi : कारीगरी ही नहीं, विभिन्न राज्यों की संस्कृति का संगम है खादी प्रदर्शनी का 90 स्टाल
रुद्राक्ष कनवेंशन सेंटर में खादी मेले में लगे स्टाल को देखते मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा व अन्य ।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। कश्मीर की कसीदाकारी की हुई शाल, उत्तराखंड में बने खादी-ऊनी जैकेट, राजस्थानी न्याग्रा की जूतियां व जूते तो बीकानेरी भुजिया व तरह-तरह की नमकीन, कहीं प्रतापगढ़ के अचार, जेली और सिरके तो आजमगढ़ की काली मिट्टी के आकर्षक बर्तन, गाजीपुर में बने कपड़े तो वाराणसी, प्रयागराज व बंगाल में बनी खादी की साड़ियां, कहीं सरस समूहों द्वारा उत्पादित जड़ी-बूटियों से निर्मित हर्बल स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद तो कहीं फैशन व श्रृंगार के सामान। एक से बढ़कर एक आकर्षक वस्तुएं व खाद्य सामग्रियां, जिन्हें आप देखें तो देखते रह जाएं। रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में खादी प्रदर्शनी के बहाने विभिन्न राज्यों के उत्पाद ही नहीं, वहां की लोक-संस्कृति की भी झलक देखने को मिल रही है।

प्रदर्शनी में रविवार को पहले दिन 90 स्टाल सज चुके थे। जबकि अनेक स्टालों का निर्माण कार्य जारी था। विभिन्न राज्यों से आए कारीगर अपने उत्पादों की नुमाइश कर वाहवाही बटोरने तथा उनकी बिक्री करने की तैयारियों में जुटे थे। गेट से प्रवेश करते ही दाईं तरफ मिला पहला स्टाल पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के ताजिकुद्दीन अपनी बंगाली संस्कृति में रची गई साड़ियां लेकर आए हैं। इसी तरह आगे बढ़ने पर कहीं कश्मीर, कहीं पंजाब, कहीं राजस्थान व उत्तराखंड की कलाकृतियां मन मोह रही हैं तो अपने राज्य के विभिन्न जनपदों के एक जिला-एक उत्पाद के स्टाल कारीगरों की कलाओं का बखान कर रहे हैं।

खादी और ग्रामोद्योग आयोग के मंडलीय कार्यालय द्वारा रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित खादी कारीगर सम्मेलन का उद्घाटन करने रविवार को पहुंचे केंद्रीय राज्य मंत्री भानुप्रताप सिंह वर्मा परिसर में ज्योंहि कार से उतरे, उन्हें सजे स्टालों के सामने सेवापुरी ब्लाक के सिरहरा गांव की शशिकला देवी मिल गईं। उन्होंने वहां अपना ग्राम लक्ष्मी लूम प्रदर्शनी में लगा रख था। लूम देखते ही मंत्री उधर बढ़ चले। उन्होंने कहा, अरे वाह! यह आपका लूम है। जवाब हां में मिलने पर पुन: पूछा, आप चलाती हैं इसे। शशिकला देवी ने दुबारा हां में जवाब दिया। इतना सुन, राज्यमंत्री ने कहा कि जरा मुझे भी दिखाओ, अपना करघा चला कर। इसके बाद शशिकला ने अपना करघा चलाकर खादी बुनाई के तरीके को देखा। अगले क्रम पर लगे चरखा को भी चलवाकर देखा और संतुष्ट हो आगे बढ़ गए।किया एक-एक स्टाल का निरीक्षण, ली जानकारी

केंद्रीय राज्यमंत्री एमएसएमई भानुप्रताप सिंह वर्मा ने सम्मेलन के साथ ही प्रदर्शनी का उद्घाटन फीता काटकर व महात्मा गांधी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर तथा सूत की माला पहनाकर किया। इसके बाद एक-एक स्टाल का निरीक्षण कर दुकानदारों व कारीगरों से उनके उत्पादों की जानकारी ली। उनकी कृतियों को सराहा।

शंखध्वनि व तिलक से छात्रों ने किया स्वागत

मंत्री भानु प्रताप के आगमन पर रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में प्रवेश करते ही संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय और बीएचयू के आचार्य के विद्यार्थियों ने शंख ध्वनि कर तथा छात्राओं ने तिलक लगाकर भारतीय संस्कृति के अनुरूप उनका स्वागत किया।

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