हैलो डाक्टर : हर बुखार नहीं होता डेंगू, डरने की बजाय लें चिकित्सीय परामर्श
बचाव के लिए बच्चों को इस मौसम में मच्छरदानी में ही सुलाएं। घर में पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें और पांव में मोजे पहन कर रहें। हो सके तो बच्चों को भी मोजे पहनाएं क्योंकि डेंगू के वाहक मच्छर अधिक ऊंचा नहीं उड़ सकते।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। बरसात के मौसम में डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियों से जागरुकता और आस-पास साफ-सफाई का ख्याल रखकर बचाव जा सकता है। डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और वायरल फीवर में कमोबेश बुखार की स्थिति एक जैसी होती है। मगर फर्क यही है कि चिकनगुनिया में जोड़ों का दर्द रहता है और प्लेटलेट्स कम होना डेंगू की तरफ इशारा करते हैं। इसलिए बुखार होने पर घबराएं नहीं। नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और चिकित्सीय परामर्श जरूर लें। यह सलाह है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीबी सिंह की। वह गुरुवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हैलो डाक्टर में पाठकों की जिज्ञासा का समाधान कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि बरसात और जल जमाव के चलते डेंगू के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसकी चपेट में बच्चे बहुत ही आसानी से आ जाते हैं। इससे बचाव के लिए बच्चों को इस मौसम में मच्छरदानी में ही सुलाएं। घर में पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें और पांव में मोजे पहन कर रहें। हो सके तो बच्चों को भी मोजे पहनाएं, क्योंकि डेंगू के वाहक मच्छर अधिक ऊंचा नहीं उड़ सकते और वे ज्यादातर पांव में ही काटते हैं।
डेंगू से ठीक हो चुके लोग भी रहें सजग
-कोविड ही नहीं डेंगू वायरस के भी वेरिएंट होते हैं। एक दो नहीं बल्कि चार। यदि किसी व्यक्ति को इनमें से किसी एक प्रकार के वायरस का संक्रमण हो जाए तो आमतौर पर उसके पूरे जीवन में वह उस प्रकार के डेंगू वायरस से सुरक्षित रहता है, लेकिन बाकी के तीन प्रकारों में से किसी एक से संक्रमित होने पर उसे गंभीर समस्या की आशंका बनी रहती है। ऐसे में डेंगू से ठीक हो चुके लोगों को अधिक सजगता की जरूरत है। इस बीमारी में दो तरह की परेशानी होती है। पहला है प्लेटलेट्स काउंट कम होना। इसमें रक्तस्त्राव की स्थिति में सिंगल डोनर प्लेटलेट्स चढ़ाने से काउंट तुरंत बढ़ जाता है। दूसरी स्थिति में रक्त धमनियों से फ्लूड निकलने लगता है और छाती व पेट में इकट्ठा होने लगता है। इससे ब्लड प्रेशर लो हो जाता है। मरीज को भर्ती करके पानी चढ़ाने की जरूरत होती है।
ये हैं डेंगू के लक्षण\\B
- डेंगू बुखार के लक्षणों में सबसे पहला लक्षण है तेज बुखार आना और ठंड लगना।
- ब्लड प्रेशर का सामान्य से बेहद ही कम हो जाना।
- मांसपेशियों, जोड़ों, सिर और पूरे शरीर में दर्द होना।
- शारीरिक कमज़ोरी आना, भूख न लगना।
- डेंगू के दौरान पूरे शरीर पर रैशेज़ भी हो सकते हैं।
- डेंगू के दौरान तेज़ बुखार 3-4 दिनों तक बना रहता है, इसके साथ कई बार पेट दर्द की शिकायत भी होती है और उल्टियां भी होने लगती हैं।
ऐसे करें बचाव
- डेंगू की रोकथाम का सबसे पहला और जरूरी कदम यही है कि आप मच्छरों को पैदा होने से रोकें।
- अपने घर के आस-पास जल जमाव न होने दें।
- कूलर के पानी को हर हफ्ते बदलें।
- गमले और छत पर पड़े डिब्बे, टायरों और पुराने बर्तनों में पानी जमा न होने दें। इस तरह आप मच्छरों को पैदा होने से रोक सकते हैं।
- घर में साफ-सफाई रखें, हो सके तो घर में मॉस्किटो रेपेलेंट का छिड़काव करें।
- मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
घर-घर खोजे जा रहे हैं बुखार के मरीज
- डेंगू, मलेरिया सहित वायरल बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर बुखार और बुखार के साथ टीबी से मिलते लक्षणों वाले मरीजों को खोज रही है। वहीं टीका न लगवाने वाले जन्म से दो वर्ष तक के बच्चों सहित कोविड टीका न लगवाने वाले 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोग चिन्हित किए जा रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की 43 टीमें और नगर निगम के 80 कर्मचारी एंटीलार्वाल स्प्रे कर रहे हैं। वहीं निगमकर्मी नगर के घनी आबादी में फागिंग कर रहे हैं।
जनता भी करे सहयोग
- सीएमओ डा. वीबी सिंह ने बनारसवासियों से सरकारी विभागाें का सहयोग करने की अपील की। कहा, घर के कूलर का पानी नियमित तौर पर बदलते रहें। छत पर या आस-पास खाली बर्तन या गड्ढों अथवा पुराने टायरों में बरसात का पानी जमा न होने दें। कालोनियों में ऐसे कई प्लाट हैं जो चारों ओर से घिरे हैं। कबाड़ आदि फेंके जाते हैं। इनमें जमा पानी से भी डेंगू व मलेरिया के मच्छर पनप सकते हैं। यदि आपके घर के आस-पास जलजमाव का स्थान है तो संबंधित विभाग को सूचित करें, ताकि मौसमी बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके।
1077 पर पाएं स्वास्थ्य सुविधा संबंधी जानकारी
- डेंगू पर नियंत्रण के लिए कोविड कमांड सेंटर में अलग से सेल बनाया गया है। कोई भी व्यक्ति 1077 नंबर पर फोन कर डेंगू की जांच, उपचार समेत संबंधित हास्पिटल की जानकारी ले सकता है। इसके अलावा इसी नंबर पर एंबुलेंस, वायरल बुखार, टीकाकरण सहित स्वास्थ्य संबंधी सभी तरह की जानकारी हासिल की जा सकती है।
इन्होंने पूछे सवाल
सवाल : कोरोना वैक्सीन का पहला टीका 19 मार्च को लगवाया था। दूसरी डोज लग नहीं पाई। क्या करना होगा। -सीबी मिश्रा, शिवपुर
जवाब : आपको नए शेड्यूल के मुताबिक फिर से कोरोना टीका लगवाना होगा।
सवाल : बीते दो-तीन दिनों से बुखार है। क्या टीका लगवाया जा सकता है। - हर्षित, नदेसर
जवाब : पूरी तरह ठीक होने के बाद आप टीका लगवा सकते हैं।
सवाल : दूसरी डोज का टीका लगा नहीं और मैसेज आ गया। सेकेंड डोज कैसे लगेगी। -आदित्य पांडेय, छित्तूपुर
जवाब : आप दूसरा डोज लगवा लें। दूसरा मैसेज आ जाएगा। 1077 नंबर पर फोन कर आप संशोधन करा सकते हैं।
सवाल : हमारी कालोनी में डेंगू तेजी से फैल रहा है। अब तक 50 लोग निजी हास्पिटल में भर्ती हो चुके हैं। -पीएन सिंह, न्य लक्षमनपुर कालोनी-भोजूबीर
जवाब : नगर निगम व नगर स्वास्थ्य अधिकारी को सूचित कर क्षेत्र की समस्या हल कराई जाएगी।
सवाल : बरसात में डेंगू जैसी बीमारी से कैसे बचें। मोहल्ले में ही बड़ा गड्ढा है, जिसमें लार्वा पनपते रहते हैं। -निशा गोस्वामी, शिवपुरवा
जवाब : नगर निगम को सूचित कर दिया जाएगा। सफाई कर्मी या तो पानी निकाल देंगे या फिर एंटी लार्वल का छिड़काव कर देंगे।
सवाल : डेंगू शुरु होते ही प्लेटलेट्स की समस्या बढ़ने लगती है। इसका क्या निदान है। -अंशुमान मालवीय, महमूरगंज
जवाब : ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स उपलब्ध हैं। डोनर के साथ जाने पर यह उपलब्ध होता है। वहीं आइएमए, डीडीयू व मंडलीय हास्पिटल के ब्लड बैंक में विशेष परिस्थितियों में बिना डोनर के भी प्लेटलेट्स दिया जाता है।
सवाल : पहली डोज का टीका लगवा लिया है। दूसरी डोज के लिए स्लाट नहीं मिल पा रहा है। -यशवीर सिंह, महमूरगंज
जवाब : कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए कई केंद्रों पर वाक-इन की भी व्यवस्था है। यानी आप उन केंद्रों पर सीधे जाकर दूसरी डोज का टीका लगवा सकते हैं।
सवाल : पत्नी को बुखार था। डाक्टर ने दवा और कुछ जांच लिखी। दवा से आराम है, क्या जांच कराना आवश्यक है। - व्यास जी, दशाश्वमेध
जवाब : मौसमी बुखार रहा होगा। कोई दिक्कत नहीं है तो खान-पान दुरुस्त रखें। सामान्य जांचें मंडलीय हास्पिटल कबीरचौरा में कराई जा सकती हैं।
सवाल : पत्नी के गले की आवाज रह-रहकर बंद हो जा रही है। -जयराज, कुआर
जवाब : यह एलर्जी के लक्षण लग रहे हैं। ठंडी चीजों से दूर रखें। मंडलीय हास्पिटल की ईएनटी ओपीडी में जाकर चिकित्सीय परामर्श लें।
सवाल : तीन-चार दिनों से मम्मी की तबीयत खराब है। गले से आवाज नहीं आ रही है। -शिवम, बाबतपुर
जवाब : वायरल इंफेक्शन से कभी-कभी वायरल फेरिंजाइटिस हो जाता है। मंडलीय हास्पिटल के ईएनटी विभाग की ओपीडी में जाकर चिकित्सीय परामर्श लें।