Sonbhadra के चावल से पूर्वोत्‍तर राज्यों को मिल रहा लाभ, मुफ्त खाद्यान्न योजना में हो रही सुविधा

वैश्विक महामारी कोरोना के कहर के बावजूद सोनांचल ने जिले को ही नहीं सेवन सिस्टर राज्यों व पूर्वांचल के कई जिलों को राहत दी है। पूर्वोत्तर के सेवन सिस्टर राज्यों जैसे त्रिपुरा आसाम के अलावा बिहार राज्य में भी भेजा जा रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 01:22 AM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 09:11 AM (IST)
Sonbhadra के चावल से पूर्वोत्‍तर राज्यों को मिल रहा लाभ, मुफ्त खाद्यान्न योजना में हो रही सुविधा
सोनभद्र रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर ट्रक से चावल उतारते श्रमिक।

सोनभद्र [अब्दुल्लाह]। वैश्विक महामारी कोरोना के कहर के बावजूद सोनांचल ने जिले को ही नहीं सेवन सिस्टर राज्यों व पूर्वांचल के कई जिलों को राहत दी है। इसकी मुख्य वजह जिले में धान की बेहतर पैदावार है। कोरोना के चलते गरीबों को मुफ्त में खाद्यान्न दिया जा रहा है। इसमें जिले की अहम भूमिका सामने आई है। यहां का चावल बलिया व गाजीपुर जिले नहीं पूर्वोत्‍तर राज्‍य सेवन सिस्टर के दो राज्य त्रिपुरा, आसोम के अतिरिक्त बिहार राज्य के गरीबों की भूख मिटा रहा है। भारतीय खाद्य निगम के लोढ़ी के समीप स्थित गोदामों से ट्रकों के माध्यम से चावल की खेप राबट्सगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर भेजा जा रहा है। यह चावल रैक से बलिया भेजा जाना है। इसके पहले एक रैक गाजीपुर व बलिया जा भी चुका है। चावल को पूर्वांचल के जिलों में ही नहीं पूर्वोत्तर के सेवन सिस्टर राज्यों जैसे त्रिपुरा, आसाम के अलावा बिहार राज्य में भी भेजा जा रहा है। गौरतलब बात यह है कि जिन राज्यों व जिलों में चावल भेजा जा रहा है वे चावल की पैदावार के लिए ही जाने जाते हैं।

35 हजार टन चावल की जिले में खपत

जिले में पिछले वर्ष नवंबर से फरवरी के बीच किसानों से धान की खरीद शुरू हुई। इस दौरान कुल एक लाख 20 हजार टन की खरीद की गई। जिले में 35 हजार टन का वितरण करने के बाद बाकी बचे चावल को शासन के निर्देश पर उन राज्यों व जिलों को भेजा जा रहा है, जहां खाद्यान्न की कमी है। 

जिले से 60 हजार टन चावल भेजा गया

भारतीय खाद्य निगम के प्रबंध श्रवण मिश्रा ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना का कहर मार्च 2020 से शुरू हुआ है। इसी दौरान भारतीय खाद्य निगम ने गरीबों के लिए चावल को दूसरे राज्यों व जिलों में भेजना शुरू किया। अब तक त्रिपुरा, आसाम व बिहार 40 हजार मीट्रिक टन व बलिया व गाजीपुर 20 हजार टन चावल भेजा जा चुका है। कुल 60 हजार टन चावल कई राज्यों व जिलों में भेजा गया है।

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