वाराणसी में क्लोरीन गैस रिसाव प्रकरण में निलंबन नहीं, स्टोर इंचार्ज को पद से हटाने की तैयारी

वाराणसी में क्लोरीन गैस रिसाव प्रकरण को लेकर नगर आयुक्त गौरांग राठी ने जलकल विभाग के स्टोर इंचार्ज समेत संबंधित अवर अभियंता पर कड़ी कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 15 Jul 2020 08:49 PM (IST) Updated:Thu, 16 Jul 2020 06:23 AM (IST)
वाराणसी में क्लोरीन गैस रिसाव प्रकरण में निलंबन नहीं, स्टोर इंचार्ज को पद से हटाने की तैयारी
वाराणसी में क्लोरीन गैस रिसाव प्रकरण में निलंबन नहीं, स्टोर इंचार्ज को पद से हटाने की तैयारी

वाराणसी, जेएनएन। क्लोरीन गैस रिसाव प्रकरण को लेकर नगर आयुक्त गौरांग राठी ने जलकल विभाग के स्टोर इंचार्ज समेत संबंधित अवर अभियंता पर कड़ी कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। इस क्रम में निलंबन की आशंका जताई जा रही थी जिसको लेकर बुधवार को तस्वीर साफ हो गई। स्टोर इंचार्ज जिनके पास पंप अधीक्षक का प्रभार भी है, को पद से हटाने की तैयारी हो चुकी है।

वहीं, अवर अभियंता पर कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा। वहां से मिले निर्देशों के आधार पर कार्रवाई होगी। नगर आयुक्त ने क्लोरीन गैस रिसाव प्रकरण की जिस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया है उसमें जलकल विभाग परिसर में हो रही कई अनियमिताएं उजागर हुई हैं। रिपोर्ट में स्पष्ट है कि जलकल महाप्रबंधक नीरज गौड़ को कबाड़ से संबंधित जो रिपोर्ट स्टोर इंचार्ज ने दी थी, उसमें गैस सिलेंडर के बाबत जानकारी अंकित नहीं थी। इसके अलावा पूरे परिसर में कबाड़ बिखरा पड़ा है जो सूचीबद्ध भी नहीं हैं।

कबाड़ हो रहे सूचीबद्ध, नीलामी जल्द

जलकल महाप्रबंधक नीरज गौड़ ने बताया कि कार्यालय परिसर में पड़े कबाड़ को सूचीबद्ध किया जा रहा है। इसकी नीलामी की कवायद माह के अंत में शुरू हो जाएगी। इसके लिए नगर आयुक्त के निर्देशानुसार समिति का गठन किया जा रहा है जिसमें पार्षदों की भागीदारी भी रहेगी। 

इलाकाई लोग भी कर रहे उजागर

इलाकाई लोग भी जलकल विभाग की कमियों को उजागर कर रहे हैं। एक पत्र के माध्यम से जलकल परिसर में तालाब की मछलियां मारने, कबाड़ का चुपके से निस्तारण करने के साथ ही अवैध ढंग से ठीकेदारी करने का आरोप लगाया है। सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहना है कि रात-दिन परिसर में जुआ होता है जिसकी जानकारी जलकल कर्मियों को भी रहती है।

ट्रायल पिट से होगी जलकल के आरोपों की जांच

आए दिन ऐसा मामला सामने आता है कि बिजली विभाग की लाइन को कभी जलकल विभाग तो कभी अन्य संस्थाओं द्वारा काट दिया गया। इस कारण अक्सर ही संबंधित क्षेत्र की आपूर्ति बाधित हो जाती है। हालांकि, बिजली विभाग आरोप-प्रत्यारोप के चक्कर में न पड़कर आपूर्ति बहाली के लिए फाल्ट दूर करने में जुट जाता है। यह पहली बार हुआ है कि बिजली विभाग पर ही पाइप ध्वस्त करने का आरोप लगा है। जलकल विभाग द्वारा लगाए गए आरोप पर आइपीडीएस के दूसरे चरण का कार्य करा रही टाटा कंपनी ने कहा है कि यह सोचने वाली बात है कि 10 इंच की पाइप में आखिरकार 12 इंच की पाइप कैसे चली जाएगी। मालूम हो कि दूसरे चरण के तहत शहर के सात रूटों पर कार्य चल रहा है। इसमें से पांच मार्गों पर करीब 90 फीसद कार्य हो चुका है।

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