वाराणसी में गर्भवती शिक्षकों का कोविड टीकाकरण न होने पर भी नहीं रूकेगा किसी का वेतन
पूर्व में जिला प्रशासन की ओर से इस बाबत जानकारी दी गई थी कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी कोरोना वैक्सीन नहीं ले रहा है तो उसकी सैलरी रोकी जा सकती है। ऐसे में गर्भवर्ती महिला शिक्षकों सहित कर्मचारियों में चिंता का माहौल हो गया था।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। कोविड-19 के वैक्सीन से वंचित शिक्षककों-शिक्षणेत्तर कर्मियों के वेतन भुगतान में कटौती जैसे बाध्यकारी आदेश के निरस्तीकरण हेतु एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा, जिस पर जिलाधिकारी महोदय ने बताया कि कोविड-19 के वैक्सीनेशन से कोई वंचित न रहे इस उद्देश्य से यह आदेश पारित किया गया है।
इसके लिए सीएमओ एवं बीएसए को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित कर दिया गया है। इसके पश्चात एमएलसी आशुतोष सिन्हा के द्वारा सीएमओ से गर्भवती महिला शिक्षणेत्तर कर्मियों के टीकाकरण के मुद्दे पर वार्ता किया गया। इस पर सीएमओ ने बताया कि इसके लिए मेरे कार्यालय में गर्भवती शिक्षिकाओं व महिला शिक्षणेत्तर कर्मियों को जांचोपरांत प्रमाण-पत्र प्रदान करने हेतु डा. सुरेश सिंह को अधिकृत किया गया है, जिससे उन्हें कोविड-19 वैक्सीनेशन से छूट मिल सके।
इसी क्रम में बीएसए ने बताया कि शिक्षिका-महिला शिक्षणेत्तर कर्मी द्वारा जांच प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर उन्हें तुरंत वेतन भुगतान कर दिया जाएगा। अतः उक्त अधिकारियों से हुई वार्तालाप के आधार पर ये जानकारी प्राप्त हुई कि गर्भवती शिक्षिका -महिला शिक्षणेत्तर कर्मियों को वेतन भुगतान का लाभ लेने हेतु गर्भधारण प्रमाण -पत्र प्रस्तुत करना अत्यंत आवश्यक है।
पूर्व में जिला प्रशासन की ओर से इस बाबत जानकारी दी गई थी कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी कोरोना वैक्सीन नहीं ले रहा है तो उसकी सैलरी रोकी जा सकती है। ऐसे में गर्भवर्ती महिला शिक्षकों सहित कर्मचारियों में चिंता का माहौल हो गया था। दरअसल गर्भवती महिला कर्मचारियों को कोविड टीका कुछ चिकित्सकों ने लेने से परहेज करने को कहा है। वहीं इस बाबत कोई स्पष्ट आदेश नहीं होने की वजह से भी महिलाओं में काफी चिंता का माहौल रहा है। ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से जारी रिपोर्ट के बाद काफी चिंता हो रही थी। ऐसे में अब कोविड टीका न होने की बाध्यता से राहत के बाद गर्भवती महिला कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है।