वाराणसी में नौनिहालों के मध्याह्न भोजन पर 'पानी' फिरा, शुद्ध पानी के चक्कर में नहीं बन सका मध्याह्न भोजन

सेवापुरी में पानी के चक्कर में प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय (सेवापुरी ब्लाक-तेंदुई) में मंगलवार को मध्याह्न भोजन नहीं बन सका।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 23 Oct 2019 11:41 AM (IST) Updated:Wed, 23 Oct 2019 11:41 AM (IST)
वाराणसी में नौनिहालों के मध्याह्न भोजन पर 'पानी' फिरा, शुद्ध पानी के चक्कर में नहीं बन सका मध्याह्न भोजन
वाराणसी में नौनिहालों के मध्याह्न भोजन पर 'पानी' फिरा, शुद्ध पानी के चक्कर में नहीं बन सका मध्याह्न भोजन

वाराणसी, जेएनएन। सेवापुरी में पानी के चक्कर में प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय (सेवापुरी ब्लाक-तेंदुई) में मंगलवार को मध्याह्न भोजन नहीं बन सका। वहीं मिड-डे-मील के चक्कर में परिषदीय विद्यालय के बच्चे अब घर से टिफिन बाक्स भी लेकर नहीं आते हैं। ऐसे में दोनों विद्यालयों के करीब 200 बच्चों को भूखे पेट ही पढ़ाई करनी पड़ी। इसकी वजह से भोजन नहीं बना तो बच्‍चों को भी भूखे ही अपने घर की ओर रुख करना पड़ा। वहीं पानी की व्‍यवस्‍था न होने से बच्‍चों को पानी के लिए भी दूसरी जगहों पर विद्यालय छोड़कर रुख करना पड़ा। जबकि अध्‍यापक भी पानी के लिए भटकते रहे और प्‍यास को पढ़ाई के बीच सहना पड़ा।

सेवापुरी ब्लाक के तेंदुई प्राथमिक विद्यालय में बच्‍चों के पीने के लिए पानी का हैंडपंप लगा हुआ है। वर्तमान में इस हैंडपंप से गंदा पानी निकल रहा है। इसके चलते तमाम बच्चे घर से पानी लेकर पढऩे आ रहे हैं। गंदे पानी के चक्कर में विद्यालय में मध्याह्न भोजन ही नहीं बनवाया गया। अभिभावकों का कहना है विद्यालय के आसपास कई हैंडपंप लगे  हैं। इसके बावजूद पानी का बहाना बनाकर विद्यालय में मध्याह्न भोजन बंद कर दिया गया है।

वहीं जहां एक ओर बच्‍चों को भूखा रहना पड़ा वहीं दूसरी ओर इसको लेकर अभिभावकों में भी रोष बना हुआ है। दूसरी ओर हेडमास्टर अनिल कुमार सिंह का कहना है कि परिसर में लगे हैंडपंप का एक माह में तीन बार बोरिंग कराया जा चुका है। इसके बावजूद हैंडपंप का पानी अभी तक साफ नहीं हो सका। गंदे पानी से भोजन बनाने से बच्चों में बीमारी फैलने का खतरा है। इसे देखते हुए मध्याह्न भोजन नहीं बनवाया गया। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी खंड शिक्षा अधिकारी व बीडीओ सेवापुरी को भी दे दी गई है। वहीं ग्राम प्रधान रमाशंकर मौर्य भी तीन बार बोङ्क्षरग कराने की बात कह रहे हैं। 

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