वाराणसी में एंबुलेंस कॉल सेंटर बना दिया, एंबुलेंस मिलने की इसके बाद भी कोई गारंटी नहीं

चालकों की मनमानी पर नकेल कसते हुए जिला प्रशासन ने काशी कोविड रिस्पांस सेंटर में अलग से एंबुलेंस के लिए कॉल सेंटर जरूर बना दिया लेकिन उसका मरीजों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। मरीजों से नाम व पता पूछने के बाद भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया जा रहा।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 03:56 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 03:56 PM (IST)
वाराणसी में एंबुलेंस कॉल सेंटर बना दिया, एंबुलेंस मिलने की इसके बाद भी कोई गारंटी नहीं
एंबुलेंस के लिए कॉल सेंटर जरूर बना दिया लेकिन उसका मरीजों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है।

वाराणसी, जेएनएन। एंबुलेंस संचालकों और चालकों की मनमानी पर नकेल कसते हुए जिला प्रशासन ने काशी कोविड रिस्पांस सेंटर में अलग से एंबुलेंस के लिए कॉल सेंटर जरूर बना दिया लेकिन उसका मरीजों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। मरीजों से नाम व पता पूछने के बाद भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। घंटों परेशान होने के बाद मरीज दूसरे वाहन से अस्पताल और घर जा रहे हैं। परेशान मरीजों को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर अपनी समस्याओं लेकर कहां जाए और किससे शिकायत करें। काशी काेविड रिस्पांस सेंटर में रिजर्व एंबुलेंस कहां और किसे भेजे जा रहे हैं, इसको लेकर सवाल उठने लगे हैं। यहां तैनात कर्मचारी क्या कर रहे हैं। यह जरूर है कि रजिस्टर में एंबुलेंस सेवा दे रही है।   

वैश्विक महामारी में आपदा को अवसर बनाने में कुछ निजी अस्पताल संचालकों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। वे मरीजों से एक दिन का 30 से 50 हजार रुपये तक वसूल रहे हैं। अस्पताल और एंबुलेंस संचालकों पर जिला प्रशासन ने नकेल कसने की पूरी कोशिश की लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं जो मानने को तैयार नहीं है। एंबुलेंस संचालकों और चालकों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए जिला प्रशासन ने शहीद उद्यान स्थित काशी कोविड रिस्पांस सेंटर में 16 एंबुलेंस रिजर्व करने के साथ अलग से कॉल सेंटर बनाया। आदेश था कि सूचना मिलने के साथ एंबुलेंस सेवा तत्काल उपलब्ध कराई जाएगी लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं पड़ रहा है। शुक्रवार को ककरमत्ता स्थित एक निजी अस्पताल से मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया। पांडेयपुर के रहने वाले रमेश कुमार अपनी पत्नी को घर ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन से एंबुलेंस मांगा तो उन्होंने खाली नहीं होने की बात कही। रमेश अस्पताल के बाहर निकले तो एक एंबुलेंस खड़ी थी।

पांडेयपुर मरीज पहुंचाने के नाम पर एंबुलेंस चालक ने पांच हजार रुपये मांगें। मंडुआडीह के रहने वाले अरविंद कुमार की रिश्तेदार ज्योत्सना सिंह बच्छाव स्थित एक अस्पताल में भर्ती थीं। अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर अस्पताल के पास मौजूद एंबुलेंस चालक छोड़ने के लिए दो हजार रुपये मांगने लगा। परेशान अरविंद कुमार ने काशी कोविड रिस्पांस सेंटर के 0542-2720005 नंबर पर कॉल किया। कॉल सेंटर पर मौजूद कर्मचारी ने मरीज का पूरा नाम और पता पूछने के साथ आधे घंटे बाद एंबुलेंस भेजने की बात कही। पीड़ित परिवार एंबुलेंस आने का इंतजार कर रहा था। काॅल सेंटर से चालक का नाम और मोबाइल नंबर भी दिया गया। आधे घंटे बाद चालक ने फोन आने पर कहा कि मुझे दूसरे जगह भेज दिया गया है। मैं खाली नहीं हू, आप दूसरा एंबुलेंस कर लीजिए या कंट्रोल नंबर पर बात कर लीजिए। ऐसे में दूसरा एंबुलेंस लेकर घर गए।

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