शारदीय नवरात्र मेला के लिए विंध्य विकास परिषद नियमावली में बदलाव पर नहीं बनी सहमति

विंध्याचल स्थित प्रशासनिक भवन में शारदीय नवरात्र मेला के मद्देनजर विंध्य विकास परिषद के पार्षदों के साथ जिलाधिकारी अनुराग पटेल की अध्यक्षता में बैठक हुई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 20 Sep 2019 05:37 PM (IST) Updated:Fri, 20 Sep 2019 06:05 PM (IST)
शारदीय नवरात्र मेला के लिए विंध्य विकास परिषद नियमावली में बदलाव पर नहीं बनी सहमति
शारदीय नवरात्र मेला के लिए विंध्य विकास परिषद नियमावली में बदलाव पर नहीं बनी सहमति

मीरजापुर, जेएनएन। विंध्याचल स्थित प्रशासनिक भवन में शारदीय नवरात्र मेला के मद्देनजर विंध्य विकास परिषद के पार्षदों के साथ जिलाधिकारी अनुराग पटेल की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें तेरह बिंदुओं पर चर्चा करते हुए प्रस्ताव रखा गया। इसमें शास्त्री पुल से लेकर अकोढ़ी ग्राम तक विस्तारीकरण कराने के लिए परिषद के पार्षदों से सहमति मांगी। हालांकि पार्षदों ने प्रस्ताव पर सहमति नहीं जताई और इसके लिए कुछ दिन का समय मांगा जिससे समाज के लोगों से विचार-विमर्श किया जा सके। 

सिटी मजिस्ट्रेट ने नियमावलियों में परिवर्तन करते हुए कहा कि प्रति पंडा चालीस रुपया वार्षिक शुल्क परिषद को देने का नियम पहले था और अब इसको बढ़ाकर तीन हजार रुपये वार्षिक किया जाए। पारीवाल सौ रुपये प्रतिदिन देते है परिषद को वह अब पांच हजार रुपये प्रतिदिन, मां विंध्यवासिनी को चढ़ावा चढऩे वाला जैसे सोना व चांदी, पीतल घंटा तथा अन्य किमती चीजों के दाम में 25 फीसद राशि परिषद के खाते में जमा करने प्रस्ताव रखा। इसी तरह विंध्वासिनी मंदिर, कालीखोह व अष्टभुजा मंदिर परिसर में दो-दो दानपात्र रखने का प्रस्ताव रखा। कंतित वाराणसी निजी बस स्टैंड के सामने बसवरिया घाट पर निर्मित अंतेष्टीस्थल पर फ्लोरिंग बैठने हेतु सीट बनाने समेत तेरह बिंदुओं पर प्रस्ताव रखा। जिसमें पार्षदों ने कहा कि यह निमय के विरुद्ध है और अभी तक नियमावली में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है, अचानक बदलाव लाने से लोगों को काफी आर्थिक परेशानी होगी। ऐसे में इस पर एक बार पुन: विचार किया जाए जिससे पंडा समाज को कोई दिक्कत न हो। हालांकि पंडा समाज के मंत्री भानू पाठक ने बताया कि जिलाधिकारी से चार दिन का समय मांगा गया है और पंडा समाज से विचार विमर्श करने के बाद ही इस पर विचार किया जाए।

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