वाराणसी कलेक्ट्रट परिसर में नवनिर्मित शौचालय का दो साल से नहीं खुल सका है बंद ताला

सभी लोगों को इसके बदबू से परेशानी हो रही है लेकिन कोई पब्लिक को समझाने की कोशिश नहीं करता क्योंकि सभी का रटा रटाया एक ही जवाब होता है कि यह शौचालय है तो इसका इस्तेमाल होगा ही। इसकी साफ सफाई नहीं हो रही तो इसकी चिंता आप करिए।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 10:20 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 01:59 PM (IST)
वाराणसी कलेक्ट्रट परिसर में नवनिर्मित शौचालय का दो साल से नहीं खुल सका है बंद ताला
आसपास के सभी लोगों को इसके बदबू से परेशानी हो रही है।

जॉगरण संवाददाता, वाराणसी। कलेक्टेट में लगभग दो लाख खर्च कर फरियादियों के लिए शौचालय का निर्माण हुआ। लेकिन दो साल हो गए न इसका उद्घाटन हुआ न ही इसके दरवाजे खुले। पब्लिक को सिर्फ यह पता है कि यहां शौचालय है तो इसका इस्तेमाल होना चाहिए। एक दूसरे के देखा देखी इसके आसपास स्थित चार एडीएम व चकबन्दी न्यायालय में आने वाले सैकड़ों फरियादी यहां यानी नवनिर्मित शौचालय के बाहर व् दरवाजे को ही मूत्रालय बना दिए। इसकी वजह से आसपास काफी गंदगी और बदबू का अंबार लगा रहता है। 

सबसे बड़ी बात है कि इसके आसपास के सभी लोगो को इसके बदबू से परेशानी हो रही है लेकिन कोई पब्लिक को समझाने की कोशिश नहीं करता क्योंकि सभी का रटा रटाया एक ही जवाब होता है कि यह शौचालय है तो इसका इस्तेमाल होगा ही। इसकी साफ सफाई नहीं हो रही तो इसकी चिंता आप करिए। दरवाजा खोलवाइए।

बहरहाल, नजारत को भी इसकी जानकारी है लेकिन उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। वह एडीएम्म सिटी के आदेश के इन्तजार में बैठा है। जब तक आदेश नहीं होगा, दरवाजा नहीं खुलेगा। साफ सफाई नहीं होगी।

पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्‍वच्‍छता और साफ सफाई पर प्रशासन के स्‍तर पर काफी ध्‍यान देने की कवायद लंबे समय से चल रही है। इसके बाद भी इस तरह की लापरवाही को देखकर कलेक्‍ट्रेट आने वाले लोगों को यह दुश्‍वारी काफी समय से साल रही है। जबकि अधिकारियों की भी नजर इस पर पड़ती है लेकिन समस्‍या का निस्‍तारण न होकर समस्‍या जस की तस बरकरार है। वहीं बाहर से आने वाले लोगों के लिए बंद दरवाजे किसी समस्‍या के निस्‍तारण के पूर्व ही बंद दरवाजों सरीखा अहसास कराते हैं।  

बोले अधिकारी : परिसर में साफ सफाई होनी चाहिए। इस शौचालय की गन्दगी से सभी परेशान हैं। इस बाबत नजारत से बात करेंगे। -रण विजय सिंह, एडीएम प्रशासन

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