बलिया में नई नोटों का बढ़ गया ताव, दस रुपये की गड्डी के लिए 400 और 20 के लिए 160 रुपये

लगन में नई नोटों का क्रेज होता है। बरात में विदाई से लेकर अलग-अलग रस्मों की अदायगी में नई नोटों का प्रचलन काफी पुराना है। यह लोगों का शौक होता है। ऐसे में इसको पाना भी आसान नहीं होता है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 04:13 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 04:13 PM (IST)
बलिया में नई नोटों का बढ़ गया ताव, दस रुपये की गड्डी के लिए 400 और 20 के लिए 160 रुपये
लगन में नई नोटों का क्रेज होता है।

बलिया [समीर तिवारी]। लगन में नई नोटों का क्रेज होता है। बरात में विदाई से लेकर अलग-अलग रस्मों की अदायगी में नई नोटों का प्रचलन काफी पुराना है। यह लोगों का शौक होता है। ऐसे में इसको पाना भी आसान नहीं होता है। इस समय बाजार में कई लोग नोटों की गड्डियों की दुकान खोलकर बैठे हैं। जनपद में वाराणसी, पटना और कोलकाता तक से नई नोट की खेप मंगाई जाती है। इस समय सबसे ज्यादा भाव 10 की नोट के चल रहे हैं। 10 के नोट की एक गड्डी यानी एक हजार रुपये के लिए 1400 रुपये देने पड़ रहे हैं वहीं 20 की गड्डी यानी दो हजार के लिए 160 रुपये अतिरिक्त लग रहे हैं। 

दस से पांच लाख तक सिमटा कारोबार

कोरोना संक्रमण के कारण बाजार में बंदी से नोट के कारोबार पर भी असर पड़ा है। शहर में आधा दर्जन के करीब नोट के काराेबारी हैं। सामान्य दिनों में लगन के सीजन में रोजाना दस लाख तक का कारोबार हो जाता था। अब यह पांच लाख के आसपास तक सिमट कर रह गया है।

नोटों की माला पर महंगाई का पहरा

शादी की अगली सुबह दूल्हा घर के आंगन में बैठता है। यह एक रस्म होती है। बहुत लोग दूल्हे को नोटों की माला उपहार में देते हैं। इस बार इस पर भी महंगाई का पहरा पड़ गया है। नोट के भाव बढ़ने से माला में इनकी संख्या भी कम हो गई है।

नई नोट का कोई रेट फिक्स नहीं होता

नई नोट का कोई रेट फिक्स नहीं होता है। यह धंधा कमीशन के आधार पर चलता है। जहां जिस हिसाब से नोट मिलते हैं उसी आधार पर कमीशन लिया जाता है। कोरोना के कारण कारोबार प्रभावित हुआ है।

- राजकुमार, नोट कारोबारी

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