वाराणसी के रेलवे स्टेशनों पर न तो मास्क और न शारीरिक दूरी, किसी प्रकार की सख्ती भी नहीं

कोरोना संक्रमण को लेकर रेल यात्री बेफिक्र नजर आ रहे हैं। न तो सभी मास्क पहन रहे हैं और न ही शारीरिक दूरी का अनुपालन कर रहे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 08 Sep 2020 08:12 PM (IST) Updated:Tue, 08 Sep 2020 08:14 PM (IST)
वाराणसी के रेलवे स्टेशनों पर न तो मास्क और न शारीरिक दूरी, किसी प्रकार की सख्ती भी नहीं
वाराणसी के रेलवे स्टेशनों पर न तो मास्क और न शारीरिक दूरी, किसी प्रकार की सख्ती भी नहीं

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना संक्रमण को लेकर रेल यात्री बेफिक्र नजर आ रहे हैं। न तो सभी मास्क पहन रहे हैं और न ही शारीरिक दूरी का अनुपालन कर रहे हैं। कोविड-19 को लेकर जारी प्रोटोकॉल का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। इसके लिए रेल प्रशासन की ओर से कोई सख्ती भी नहीं हो रही है।

यात्री झुंड बनाकर हाल में बैठे रहते हैं तो एक-दूसरे से मुंह में मुंह डालकर बातें करने में मसगूल रहते हैं। आरक्षण टिकट काउंटर पर तो कतार में खड़े यात्रियों के बीच का फासला ही खत्म हो गया है। दो गज की दूरी की बात तो दूर की है, दो इंच की दूरी भी एक-दूसरे के बीच नहीं रह गई है। वहीं, रेल प्रशासन कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए दावे बड़े-बड़े कर रहा है लेकिन धरातल पर सख्ती नदारद है।

संक्रमित रेलकर्मी के साथियों का परीक्षण

कैंट स्टेशन स्थित मुख्य आरक्षण केंद्र में तैनात लिपिक में संक्रमण की पुष्टि के बाद मंगलवार को कार्यालय के सभी कर्मचारियों का रैपिड एंटीजन टेस्ट हुआ। हालांकि परीक्षण के उपरांत स्वास्थ्य विभाग की टीम को सभी 27 कर्मचारी निगेटिव मिले। रिपोर्ट तैयार करके टीम लौट गई। मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक डॉ मक्की सुहैल ने बताया कि एक दिन पहले साथी कर्मचारी की जांच रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई है म एहतियातन स्वास्थ्य विभाग की सहायता से सभी कर्मचारियों का परीक्षण कराया गया। जांच रिपोर्ट में सभी निगेटिव मिले हैं।

सभी रूटों पर बसें चलाने की तैयारी

लॉकडाउन में पूरी तरह से बंद परिवहन निगम की बसें जल्द ही सभी रूटों पर दौड़ती नजर आएंगी। मुख्यालय से हरी झंडी मिलने के साथ परिवहन निगम के अधिकारी सभी रूटों पर बसों को चलाने को लेकर तैयारी में जुट गए हैं। उनकी यह भी कोशिश है कि बसों का संचालन होने के साथ विभाग को नुकसान नहीं पहुंचे। 30 सितंबर तक अत्यधिक दबाव वाले विभिन्न रूटों पर बसों की संख्या और बढ़ाई जाएगी। वाराणसी परिक्षेत्र के सभी डिपो में कुल 630 बसें संचालित होती थी। लॉकडाउन में पूरी तरह बसों का संचालन बंद हो गया था। एक जून से रोडवेज बसों का संचालन पुन: बहाल कर दिया गया। लेकिन इनकी संख्या निर्धारित रखी गई थी। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (ग्रामीण) ओपी ओझा ने बताया कि बलिया, देवरिया, आजमगढ़, लखनऊ समेत अन्य मार्गों पर यात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। ऐसे में बसों को संचालित करने का निर्णय लिया गया है।

chat bot
आपका साथी