NEET Solver Gang : दो गिरोह के संपर्क में था केजीएमयू का छात्र ओसामा, उपलब्ध कराता था जरूरतमंद अभ्यर्थियों की जानकारी

नीट में सेंध लगाने के आरोपितों में शामिल किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी का एमबीबीएस चतुर्थ वर्ष का छात्र ओसामा शाहिद दो साल्वर गिरोह के संपर्क में था। जल्द ही इस रैकेट का राजफाश करने की तैयारी है। हालांकि पीके उर्फ नीलेश भी अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 08:47 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 08:47 PM (IST)
NEET Solver Gang : दो गिरोह के संपर्क में था केजीएमयू का छात्र ओसामा, उपलब्ध कराता था जरूरतमंद अभ्यर्थियों की जानकारी
दो गिरोह के संपर्क में था केजीएमयू का छात्र ओसामा

जागरण संवाददाता, वाराणसी। नीट में सेंध लगाने के आरोपितों में शामिल किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी का एमबीबीएस चतुर्थ वर्ष का छात्र ओसामा शाहिद दो साल्वर गिरोह के संपर्क में था। एक गिरोह का सरगना पटना का पीके उर्फ नीलेश है तो दूसरे गिरोह का संचालन करने वाले एक चिकित्सक के बारे में भी पु्लिस को जानकारी मिली है। हालांकि पुलिस डाक्टर के बारे में कुछ भी बताने से फिलहाल इन्कार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक उसकी पत्नी भी चिकित्सक है। मूल रूप से मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना का रहने वाला ओसामा मोटी रकम के बदले दोनों गिरोहों को जरूरतमंद अभ्यर्थियों की जानकारी उपलब्ध कराता था। पुलिस के मुताबिक उसने 12 सितंबर को हुए नीट के लिए पीके को ऐसे 15 केस और दूसरे गिरोह को पांच केस दिए थे। दूसरे गिरोह के बारे में भी पुलिस के हाथ महत्वपूर्ण सुराग लगे हैं। जल्द ही इस रैकेट का राजफाश करने की तैयारी है। हालांकि पीके उर्फ नीलेश भी अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है।

हिना बिस्वास त्रिपुरा से नौ सितंबर को आई थी दिल्ली

पुलिस सूत्रों के अनुसार अब तक की जांच में पता चला है कि त्रिपुरा की रहने वाली जिस अभ्यर्थी हिना बिस्वास के स्थान पर बीएचयू की बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा जूली नीट में शामिल हुई थी, वह अपने पिता व दो अन्य लोगों के साथ परीक्षा के तीन दिन पहले यानी नौ सितंबर को फ्लाइट से दिल्ली आई थी। पुलिस को यह भी संकेत मिले हैं कि परीक्षा के दिन 12 सितंबर को अपनी उपस्थिति साबित करने के लिए उसकी लोकशन बनारस में सारनाथ स्थित परीक्षा केंद्र के आसपास थी। हिना और उसके पिता गोपाल बिस्वास अभी पुलिस की पकड़ से दूर हैैं।

पीके के दो और करीबियों के बारे में मिली जानकारी

पुलिस को नीट में सेंध लगाने वाले गिरोह के सरगना पीके उर्फ नीलेश के दो करीबियों के बारे में जानकारी मिली है, जिन्होंने वर्ष 2016 में आल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट (एआइपीएमटी) का पेपर आउट कराने की साजिश रची थी। इस मामले में सारनाथ थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। इनमें से एक राजीव श्रीवास्तव गाजीपुर में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत है। पुलिस के मुताबिक राजीव वाराणसी के जालपा देवी रोड का निवासी है और चंदौली का मूल निवासी है। उसके खिलाफ वर्ष 2015 में बिहार के बेतिया में धोखाधड़ी के एक मामले में नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया था। उसमें वह अब भी फरार चल रहा है। पीके का दूसरा साथी अंबेडकरनगर कोतवाली के ग्राम छज्जापुर निवासी कमलेंद्र कुमार उर्फ गुड्डू है। वर्ष 2016 में उसे एसटीएफ ने गिरफ्तार भी किया था।

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