NCL सेमरिया कोल खदान सृजित करेगी रोजगार के नए अवसर, दो मिलियन टन वार्षिक क्षमता का होगा यह प्रोजेक्ट

नार्दर्न कोलफील्ड लिमिटेड (एनसीएल) की नई सेमरिया खदान शुरू होने की घोषणा से इलाके में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 30 Jun 2020 12:29 PM (IST) Updated:Tue, 30 Jun 2020 12:34 PM (IST)
NCL सेमरिया कोल खदान सृजित करेगी रोजगार के नए अवसर, दो मिलियन टन वार्षिक क्षमता का होगा यह प्रोजेक्ट
NCL सेमरिया कोल खदान सृजित करेगी रोजगार के नए अवसर, दो मिलियन टन वार्षिक क्षमता का होगा यह प्रोजेक्ट

सोनभद्र, जेएनएन। नार्दर्न कोलफील्ड लिमिटेड (एनसीएल) की नई सेमरिया खदान शुरू होने की घोषणा से इलाके में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। यह खुली खदान होगी। जिलाधिकारी और वन विभाग के वरीय अधिकारियों ने अपने तई इसके शुरू होने की प्रक्रिया तेज कर दी है। सर्वेक्षण का एक चरण पिछले साल ही पूरा कर लिया गया है।

इस नई खदान के 420 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 333 हेक्टेयर वन भूमि, 38 हेक्टेयर शासकीय भूमि एवं 35 हेक्टेयर निजी भूमि है। हालांकि इससे डिग्घी, हर्रइया, चोखरा गांव के लोग प्रभावित होंगे। यहां की आबादी लगभग तीन हजार है। खदान खोलने की तैयारी के सिलसिले में ही 18 जून को मुख्य वन संरक्षक ने क्षेत्र का निरीक्षण किया था। निजी भूमि के अधिग्रहण के लिए जिलाधिकारी आरआर मीणा ने भी एनसीएल अमलोरी परियोजना की टीम के साथ यहां निरीक्षण किया है।

एक आकलन के अनुसार यहां के करीब 40 लोगों की निजी जमीन अधिगृहित होगी। अमलोरी परियोजना की टीम ने जिला प्रशासन के साथ प्रभावित गांवों की आबादी का सर्वेक्षण किया है। मुआवजा वितरण के लिए लगभग 400 करोड़ का पैकेज भी तैयार किया गया है। एक आकलन के अनुसार यहां प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।

नई कमर्शियल माइनिंग को लेकर बढ़ी सुगबुगाहट

कमर्शियल माइनिंग के लिए जनपद सिंगरौली व सीधी में चयनित कोल ब्लाक धरौली, मर्की बरका, बंद्रा से 12 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार हासिल होगा। इन तीनों कोल ब्लाकों में अनुमानित 11 हजार मिलियन टन कोयले का भंडार है। इन कोल परियोजनाओं से केंद्र व राज्य सरकार को 1024 करोड़ का राजस्व हासिल होगा।

कमर्शियल माइनिंग को लेकर कोयला उद्योग में घमासान मचा हुआ है। सरकार व कोल प्रबंंधन के साथ श्रमिक संगठन आर-पार के मूड में है। दो जुलाई से पूरे कोयला उद्योग में तीन दिवसीय हड़ताल की घोषणा की गई है। एनसीएल के समीप में चयनित तीन कोल माइंस को लेकर लोग उत्साहित हैं। कोयला खनन से जुड़े जानकारों के मुताबिक ङ्क्षसगरौली जनपद स्थित धरौली कमर्शियल माइनिंग में अनुमानित 586 मिलियन टन कोयले का भंडार है। इस ओपेन माइंस से प्रतिवर्ष तीन मिलियन टन कोयला उत्पादित किया जा सकता है। इस प्रोजेक्ट से केंद्र व राज्य सरकार को 335 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित होगा। जिस निजी कंपनी द्वारा इस नई कोल खदान का संचालन किया जाएगा उसे 450 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। परियोजना के खुलने से 1014 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा। अप्रत्यक्ष रूप से 3042 लोग रोजगार से लाभान्वित होंगे।

विभिन्न क्षेत्रों के विकास में आएगी क्रांति

इसी क्रम में दूसरी कमर्शियल माइनिंग मर्की बरका में कोयला भंडार की क्षमता 72 मिलियन टन है। प्रतिवर्ष इससे एक मिलियन टन कोयला उत्पादित किया जा सकता है। इस परियोजना से केंद्र व राज्य सरकार को 112 करोड़ रुपये का राजस्व लाभ होगा। इस प्रोजेक्ट को शुरू करने में निजी कंपनी को 150 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। खदान खुलने से 750 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा। जबकि अप्रत्यक्ष रूप से 1014 लोग रोजगार से लाभान्वित होगे। सिंगरौली जनपद के पड़ोसी जनपद सीधी में बंद्रा नई कमर्शियल माइनिंग खोले जाने की योजना है। इस कोल खदान में 442 मिलियन टन कोयला का भंडार है। इस ओपेन माइंस से वार्षिक पांच मिलियन टन कोयला उत्पादन किया जा सकता है। इस परियोजना से सरकार को 577 करोड़ रुपये का राजस्व लाभार्जन होगा। नई कोल खदान को संचालित करने में 750 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। परियोजना के खुलने से सीधे तौर पर 1690 लोगों को रोजगार मिलेगा। जबकि अप्रत्यक्ष रूप से 5070 लोग विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार से लाभान्वित होंगे।

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