Navratri 2020 : नवरात्र के आठवें दिन देवी महागौरी का पूजन, करें घर बैठे मां का दर्शन और जानें विधान

वाराणसी में नवरात्र के दौरान अलग अलग नौ देवियों के दर्शन पूजन की मान्‍यता है। शहर में अलग अलग नौ देवियों के मंदिर स्‍थापित हैं। शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि पर देवी दुर्गा के महागौरी स्वरूप के दर्शन और पूजन का मान है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 10:46 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 04:57 PM (IST)
Navratri 2020 : नवरात्र के आठवें दिन देवी महागौरी का पूजन, करें घर बैठे मां का दर्शन और जानें विधान
शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि पर देवी दुर्गा के महागौरी स्वरूप के दर्शन और पूजन का मान है।

वाराणसी, जेएनएन। काशी में नवरात्र के दौरान अलग अलग नौ देवियों के दर्शन पूजन की मान्‍यता है। शहर में अलग अलग नौ देवियों के मंदिर स्‍थापित हैं। शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि पर देवी दुर्गा के महागौरी स्वरूप के दर्शन और पूजन का मान है। इस बार देवी का दर्शन और पूजन 24 अक्टूबर, शनिवार को हो रहा है। वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट ही स्थित मां अन्नपूर्णा देवी को ही भगवती महागौरी की मान्यता दी गई है। हिंदू धर्म ग्रंथों में भी देवी की महिमा का वर्णन करते हुए कहा गया है कि इस स्वरुप के दर्शन मात्र से ही पूर्व रूप से पाप नष्ट हो जाते हैं। देवी की साधना करने वालों को समस्त प्रकार के अलौकिक सिद्धियां और शक्तियां प्राप्त होती हैं। मान्‍यता है कि पति के रुप में भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तप करने के कारण देवी कृष्ण वर्ण की हो गई थी लेकिन भगवान शिवजी ने गंगाजल से देवी की कांति को वापस लौटा दिया, इस प्रकार देवी को महागौरी का नाम मिला।

ख्‍यात ज्‍योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार शारदीय नवरात्र के आठवें दिन शक्ति की अधिष्ठात्री देवी जगदंबा के अष्टम स्वरूप के रूप में भगवती महागौरी के दर्शन पूजन की मान्यता है। भगवती अन्नपूर्णा के रूप में भी इनकी पूजा की जाती है। इनका पूजन दुर्गा अष्टमी के दिन करने का मान है। देवी पूर्णता गौरवर्ण की हैं और इनके वस्त्र भी श्वेत हैं। देवी श्वेत वृषभ की पीठ पर विराजमान हैं। मान्यता है कि कठोर तप के कारण देवी का रूप मलिन हो गया था किंतु महादेव ने गंगाजल से उन्हें गौर वर्ण का कर दिया और उनका नाम महागौरी पड़ा।

मंत्र से साधना : देवी महागौरी की स्‍तुति 'ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाय विच्चै' मंत्र से करने का विधान है। इसके साथ ही देवी की पूजा और आराधना करने का अष्‍टमी पर मान्‍यता है।

मान्‍यता : शास्त्रीय मान्यता है कि महागौरी न्याय प्रिय हैं, इनका दर्शन और पूजन के साथ मंत्र जप करते हुए ध्यान करने से संकटों से मुक्ति मिलती है।

आज का संदेश : देवी का महागौरी स्वरूप में विपरीत परिस्थितियों में धैर्य धारण करने का संदेश देता है।

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

नवरात्रि के आठवें दिवस पर माँ महागौरी की सहृदय उपासना। अन्नपूर्णा माँ महागौरी सभी को पापों से मुक्ति दें।#Varanasi #UPNahiDekhaTohIndiaNahiDekha #UmmazingUP pic.twitter.com/baPEE4b4oa

— UP Tourism (@uptourismgov) October 24, 2020

सोशल मीडिया पर मां की महिमा

यूपी पर्यटन विभाग की ओर से हर दिन सोशल मीडिया पर काशी की अलग अलग देवियों के मंदिर से ऑनलाइन प्रसारण किया जा रहा है। इसके साथ ही मंदिर पर आधारित पोस्‍टर भी जारी किया जा रहा है। इसी कड़ी में शनिवार को पर्यटन विभाग के आधिकारिक सोशल मीडिया एकाउंट से सुबह की आरती का प्रसारण करने के साथ ही महागौरी मंदिर पर पोस्‍टर भी जारी किया गया। वहीं मंदिर में दोपहर एक बजे तक हजारों लोग मंदिर में मां के दर्शन कर चुके थे। वहीं शाम को भी आरती और पूजन का आनलाइन प्रसारण किया गया।

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