जौनपुर में महामारी की भेंट चढ़ा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, संचालित स्कूलों में संसाधनों के लिए नहीं मिला बजट

दो साल पूर्व तीन नए विद्यालयों के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था लेकिन धन अवमुक्त नहीं हुआ। शासन से निर्देश आने के बाद विद्यालयों में संसाधनों और नए विद्यालयों के खोलने की डिमांड भेजी जाएगी। जौनपुर में राजकीय उच्चीकृत विद्यालयों में कई नए शिक्षक आ गए हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 04:34 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 04:34 PM (IST)
जौनपुर में महामारी की भेंट चढ़ा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, संचालित स्कूलों में संसाधनों के लिए नहीं मिला बजट
जौनपुर के खेतासराय स्थित राष्ट्रीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पोरइकला ।

जौनपुर, जेएनएन। सुदूर ग्रामीण अंचलों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए चलाया जा रहा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान वैश्विक महामारी कोरोना की भेंट चढ़ गया है। दो साल से जहां नए विद्यालयों का चयन नहीं हो रहा वहीं पूर्व से संचालित विद्यालयों में संसाधनों के लिए बजट भी नहीं आ रहा है। इतना ही नहीं जिले के कई उच्चीकृत राजकीय विद्यालयों में एक-दो शिक्षक जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। गणित, विज्ञान, अंग्रेजी जैसे प्रमुख विद्यालयों के शिक्षक न होने से बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है।

शिक्षा से वंचित बच्चों को गांव में ही अच्छी शिक्षा देने के लिए माध्यमिक शिक्षा अभियान चलाता जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना में सुदूर गांवों में उच्चीकृत राजकीय विद्यालय खोलने के साथ ही पूर्व में खुले माध्यमिक व राजकीय विद्यालयों को संसाधनों से लैस करना है। जनपद में इस योजना के तहत कुल 27 उच्चीकृत राजकीय विद्यालय खुले हैं, जबकि चार राजकीय विद्यालय पूर्व से संचालित हैं। इन विद्यालयों में भवन व अन्य संसाधन तो उपलब्ध करा दिए गए हैं, लेकिन पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं।

छह विद्यालयों में सिर्फ दो-दो शिक्षक

जौनपुर: जनपद के छह उच्चीकृत राजकीय विद्यालयों में सिर्फ दो-दो शिक्षक जिम्मेदारी संभाले हैं। वहीं 12 विद्यालयों में तीन-तीन शिक्षक हैं। यहां प्रधानाध्यापक समेत कई महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक नहीं हैं। ऐसे में संस्कृत व हिंदी के शिक्षक गणित, विज्ञान, अंग्रेजी पढ़ाने के साथ ही दो-दो कक्षाओं की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

धन अवमुक्त नहीं हुआ

दो साल पूर्व तीन नए विद्यालयों के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था, लेकिन धन अवमुक्त नहीं हुआ। शासन से निर्देश आने के बाद विद्यालयों में संसाधनों और नए विद्यालयों के खोलने की डिमांड भेजी जाएगी। राजकीय उच्चीकृत विद्यालयों में कई नए शिक्षक आ गए हैं। पांच और समायोजन में आने वाले हैं। काफी हद तक शिक्षकों की कमी पूरी हो जाएगी।

-राज कुमार पंडित, जिला विद्यालय निरीक्षक।

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