जौनपुर में हाईटेंशन तार की चपेट में आकर राष्ट्रीय पक्षी की मौत, वन कर्मियों ने कराया पोस्‍टमार्टम

मछलीशहर क्षेत्र के मोलनापुर गांव में शुक्रवार की सुबह हाईटेंशन तार की चपेट में आकर राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत हो गई। सूचना पर पहुंचे वन विभाग के कर्मी ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया। साथी की मौत के बाद दूसरा मोर आवाज देकर ढूंढ रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Fri, 27 Aug 2021 04:15 PM (IST) Updated:Fri, 27 Aug 2021 04:15 PM (IST)
जौनपुर में हाईटेंशन तार की चपेट में आकर राष्ट्रीय पक्षी की मौत, वन कर्मियों ने कराया पोस्‍टमार्टम
सुबह हाईटेंशन तार की चपेट में आकर राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत हो गई।

जौनपुर, जेएनएन। मछलीशहर क्षेत्र के मोलनापुर गांव में शुक्रवार की सुबह हाईटेंशन तार की चपेट में आकर राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत हो गई। सूचना पर पहुंचे वन विभाग के कर्मी ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया। साथी की मौत के बाद दूसरा मोर आवाज देकर ढूंढ रहा है।

मोलनापुर गांव में मोरों का जोड़ा काफी दिनों से ट्रांसफार्मर के समीप झाड़ी में रह रहा था। यह राष्ट्रीय पक्षी आहार की खेत में आस-पास के खेतों में विचरण करते थे। सुबह उड़ते हुए मोर हाईटेंशन तार की चपेट में आकर बुरी तरह झुलस गया। ग्रामीणों ने नजदीक से देखा तो उसकी मौत हो चुकी थे। गांव निवासी करुणाकर दूबे ने इसकी सूचना वन विभाग को दो दी। वन कर्मचारी शिव सहाय यादव मौके पर पहुंचे और मोर का शव कपड़े में लपेट कर पशु चिकित्सालय चले गए। यहां पशु चिकित्सक के पोस्टमार्टम के बाद शव को गड्ढा खोदकर दफन कर दिया गया। ग्रामीणों ने बताया कि दो मोर काफी दिनों से ट्रांसफार्मर के नीचे झाड़ी में रहते थे। जिसमें से एक मोर की मौत हो गई दूसरा वहीं पर है उसे आवाज दे कर बुला रहा है।

बारिश के मौसम में जर्जर विद्युत संसाधन घटनाओं का कारण बन रहे हैं। जनपद के विभिन्न स्थानों पर तारों के टूटकर गिरने का सिलसिला जारी है। वर्षा के साथ तेज हवाओं के चलते ही ढीले तार आपस में सटकर स्पार्किंग करते हुए जर्जर हो जा रहे हैं। ढीले व जर्जर तारों के टूटने से जहां विद्युत आपूर्ति प्रभावित हो रही है वहीं करेंट की चपेट में आकर मानव व पशु-पक्षी जान गंवा रहे हैं। एक माह के भीतर करेंट की चपेट में आकर कई लोगों की मौत हो गई। शिकायत के बाद भी विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। विभाग की इस उदासीनता के जनमानस में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जनपद के जनप्रतिनिधि और अधिकारी भी इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

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