Bio Radiation Techniques से Algae मुक्त होंगी गंगा, वाराणसी के घाटों पर नमामि गंगे ने किया ट्रायल
गंगा में आए शैवाल की जांच के लिए नमामि गंगे के रिसर्च अफिसर नीरज गहलावत के नेतृत्व में रविवार को गंगा से पानी का सैंपल लेकर जांच की जा रही है । अस्सी और दशाश्वमेध घाट पर गंगाजल का सैंपल लेकर जांच की प्रक्रिया जारी है ।
वाराणसी, जेएनएन। गंगा में हरे शैवालों की समस्या से निजात दिलाने के लिए अब तकनीक का सहारा लिया गया है। जैव चिकित्सा पद्धति द्वारा गंगा से शैवालों को खत्म करने की कवायद शुरू हो चुकी है। नमामि गंगे के प्रवक्ता नीरज गहलावत ने बताया कि दशाश्वमेध घाट पर रविवार को गंगा में साढ़े सात किलोग्राम बायो रेमीडिएशन केमिकल का छिड़काव किया गया है। इससे गंगा का पानी तेजी से निर्मल हो रहा है। इसकी मात्रा एक हजार लीटर पानी में ढाई किलोग्राम लगती है।
इस ट्रायल के तहत अगर परिणाम बेहतर आए तो आगे भी इसका छिड़काव किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस छिड़काव से गंगाजल और उसके इकोसिस्टम को किसी प्रकार से कोई नुकसान नहीं होगा, वहीं गंगा स्नान से किसी व्यक्ति को भी स्वास्थ्य सबंधी समस्या नहीं होगी। यह केवल शैवालों की अधिकता को कम करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि इस तकनीक का प्रयोग 2019 कुंभ प्रयागराज, वाराणसी, कन्नौज और कानपुर काफी सफल रहा था। इसका कोई नकारात्मक परिणाम अभी तक देखने को नहीं मिला है। आगामी तीन दिनों तक यह छिड़काव किया जाएगा। छिड़काव से पहले ट्रायल भी किया गया था। सुबह एक हजार लीटर शैवाल युक्त पानी में केमिकल डाला गया था। परिणाम दुरुस्त रहा तो गंगा में केमिकल का छिड़काव किया गया।
एसटीपी की दिल्ली से हो रही निगरानी
नमामि गंगे के प्रवक्ता ने बताया कि गंगा निर्मलीकरण के लिए जितने भी एसटीपी बने हैं सभी की निगरानी दिल्ली से आनलाइन हो रही है। वर्तमान में 50 एमएलडी शोधन क्षमता का एसटीपी रमना का ट्रायल हो रहा है। नगवां नाला से करीब 17 एमएलडी मलजल एसटीपी तक जा रहा है। इसी प्रकार 10 एमएलडी शोधन क्षमता के एसटीपी रामनगर का भी ट्रायल किया जा रहा है। बढ़ा पानी, गंगा में आक्सीजन की मात्रा बेहतर गंगा जल में आक्सीजन की घुलित मात्रा बेहतर है। इसकी वजह गंगा जल स्तर में बढ़ोत्तरी को भी बताया जा रहा है। पहाड़ों पर बर्फ पिघलने व मैदानी क्षेत्र में बारिश होने से गंगा का जल स्तर बढ़ा है।
बीते एक सप्ताह का जल स्तर
13 जून : 58.48 मीटर
12 जून : 58.41 मीटर
11 जून : 58.31 मीटर
10 जून : 58.23 मीटर
09 जून : 58.21 मीटर
08 जून : 58.20 मीटर
गंगा नहर में भरे शैवाल
बीएचयू के न्यूरोलॉजिस्ट प्रो. वीएन मिश्र ने ट्वीट कर बताया कि गंगा में रेती की ओर बनाए जा रहे नहर में बड़ी मात्रा में हरे शैवाल आ गए हैं। उन्होंने कहा कि पांच किमी में बन रही गंग रेत नहर में, अब जल पूरी तरह हरा हो गया है। जिलाधिकारी से अनुरोध किया है कि आप जिला प्रदूषण इकाई को आदेश दें कि, इस ठहरे हुए जल से गंगा मुख्य धारा पर क्या असर होगा। वहीं उन्होंने अपने साथी वैज्ञानिकों से भी अनुरोध किया कि वे गंगा के स्वास्थ पर अनुसंधान करें।