वाराणसी के असि और वरुणा नदी से संबंधित रिपोर्ट जमा करने में नमामि गंगे नाकाम, सुनवाई 24 अगस्त को

असि व वरुणा के नाम पर वाराणसी जिले का नाम पड़ा ये दोनों नदियां शहरीकरण व जिम्मेदार विभागों की उपेक्षा से दुर्दशा झेल रही है। गंगा की सहायक नदी असि व वरुणा में अतिक्रमण व प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने चार अगस्त के पहले रिपोर्ट तलब की थी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 09:50 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 09:50 PM (IST)
वाराणसी के असि और वरुणा नदी से संबंधित रिपोर्ट जमा करने में नमामि गंगे नाकाम, सुनवाई  24 अगस्त को
असि व वरुणा में अतिक्रमण व प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने चार अगस्त के पहले रिपोर्ट तलब की थी।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। जिस दो नदियों असि व वरुणा के नाम पर वाराणसी जिले का नाम पड़ा, ये दोनों नदियां शहरीकरण व जिम्मेदार विभागों की उपेक्षा से दुर्दशा झेल रही है। गंगा की सहायक नदी असि व वरुणा में अतिक्रमण व प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानि एनजीटी ने चार अगस्त के पहले रिपोर्ट तलब की थी। इसे नमामि गंगे की ओर से जमा नहीं किया जा सका। इसके बाद राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 24 अगस्त 2021 मुकर्रर की है। अब सरकारी अमले की कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी।

एनजीटी ने अपने 17 जून के फैसले में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नमामि गंगे व जिलाधिकारी वाराणसी की अगुवाई में स्वतंत्र निगरानी समिति का गठन किया था। समिति के समन्वयक की जिम्मेदारी उत्तर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दी गई थी जबकि मामले में कार्रवाई की रिपोर्ट नमामि गंगे को जमा करना था। अपने अंतरिम आदेश में राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने असि व वरुणा नदी के बाढ़ मैदानी क्षेत्र का सीमांकन के साथ ही दोनों नदियों के कायाकल्प व जीर्णोद्धार करने का आदेश दिया था। साथ हीं साथ अतिक्रमण हटाने का भी निर्देश दिया था। वर्तमान सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में जरूरत के अनुसार परिवर्तन का आदेश दिया था। साथ ही साथ एनजीटी ने अंतरिम आदेश में ललिता घाट के सामने गंगा में बन रहे प्लेटफार्म का भी जिक्र किया था। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस कार्य में नदी विशेषज्ञ को भी स्वतंत्र निगरानी समिति में रखने का सुझाव दिया था। इसकी मांग सौरभ तिवारी ने एनजीटी से की थी। कहा कि पूरे मामले में एनजीटी का रुख बेहद कड़ा है।

असि नदी को नवजीवन देने के लिए जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा संकल्पित हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण को ध्यान में रखते हुए गंगा सफाई का महाभियान सात मार्च को चलेगा। इसके साथ ही वरुणा व असि नदी की सुधि ली गई है। 15 दिन के अंदर ही वरुणा व असि नदी की सफाई की जाएगी। यह कार्यवाही नगर निगम की ओर से की जाएगी। इस कदम को असि नदी के नवजीवन के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि जिस नगर निगम ने असि नदी को अस्सी नाला के रूप में दस्तावेज में दर्ज कर लिया था उसी ने एक बारगी फिर नदी के रूप में स्वीकार किया है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनपी सिंह कहते हैं कि गंगा सफाई के बाद वरुणा व असि नदी की सफाई की जाएगी। वरुणा में भरी जलकुंभी व कारिडोर के पाथ-वे की सफाई के साथ ही असि नदी के तलहटी तक सफाई होगी। इसमें संसाधन का इस्तेमाल भी किया जाएगा। इस दौरान नदी के दोनों किनारों पर हुए कब्जे की रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी।

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