वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने बांग्‍लादेश में हिंदुओं पर हमले का किया विरोध, शेख हसीना को भेजा पत्र

बांग्लादेशी हिन्दुओं पर जिहादियों के हमलों से नाराज मुस्लिम महिला फाउण्डेशन ने पुतला फूंक कर विरोध जताया है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने चिट्ठी भी प्रेषित की है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 03:16 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 03:16 PM (IST)
वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने बांग्‍लादेश में हिंदुओं पर हमले का किया विरोध, शेख हसीना को भेजा पत्र
जिहादियों के हमलों से नाराज मुस्लिम महिला फाउण्डेशन ने पुतला फूंक कर विरोध जताया है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। बांग्‍लादेश में हिंदुओं पर हमले के विरोध में पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है। मुस्लिम महिला मंच की महिलाओं ने भी बांग्‍लादेश की व्‍यवस्‍था को लेकर आक्रोश जताते हुए कहा कि- 'हिन्दुस्तान में सौ करोड़ हिन्दुओं के बीच बीस करोड़ मुसलमान सुरक्षित हैं तो मुस्लिम देशों में हिन्दू सुरक्षित क्यों नहीं'। बांग्‍लादेश सरकार पर आपत्ति जताते हुए नाजनीन अंसारी ने कहा कि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार बन्द करो। वहीं बांग्लादेशी हिन्दुओं पर जिहादियों के हमलों से नाराज मुस्लिम महिला फाउण्डेशन ने पुतला फूंक कर विरोध जताया है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने चिट्ठी भी प्रेषित की है।

महिला मंच ने कहा कि बांग्लादेश में इस्लामी जिहादियों ने हिन्दुओं के मंदिरों पर हमला करके अपनी असहिष्णुता का परिचय दे दिया है। जिहादियों ने सुनियोजित तरीके से दुर्गा पूजा पण्डालों में हमला किया, हिन्दुओं का कत्लेआम किया और हिन्दुओं को बांग्लादेश से भगाने की साजिश रची। इस्लाम को बदनाम करने और इस्लाम का कुरूप चेहरा पेश करने से मुस्लिम महिला फाउण्डेशन ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है। मुस्लिम महिला फाउंडेशन के नेशनल सदर नाज़नीन अंसारी पहले सुभाष मंदिर पहुंचीं, वहां महानायक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का दर्शन किया और माला समर्पित किया। तत्पश्चात् प्रदर्शन शुरू किया।

मुस्लिम महिलाओं ने बांग्लादेश की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इन्द्रेश नगर लमही में स्थित सुभाष भवन के सामने बांग्लादेशी जिहादियों का पुतला फूंका। मुस्लिम महिलाएं हाथों में तख्ती लिए हुए थी, जिस पर लिखा था- जिहादियों को जेल में डालो, बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार बन्द करो, संयुक्त राष्ट्र संघ हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार पर ध्यान दे, बांग्लादेश की सरकार हिन्दुओं की सुरक्षा करे। आक्रोशित मुस्लिम महिलाओं ने पुतले को डंडों से पीटा और जिहादियों को ये सन्देश भेजा कि वे हिंसा, हत्या और हराम का रास्ता छोड़ दें वरना पूरी दुनियां उनके खिलाफ खड़ी हो जाएगी। हिन्दुस्तान में सौ करोड़ हिन्दुओं के बीच बीस करोड़ मुसलमान सुरक्षित हैं। इसी तरह मुस्लिम देशों मंह हिन्दू अपने पूजा पद्धति के साथ सुरक्षित क्यों नहीं रह पाते। यह इस्लामी जगत के लिए बहुत बड़ा सवाल है और पूरी दुनियां को अब मंथन करना चाहिए।

इस अवसर पर मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने कहा कि बांग्लादेश में इस्लामी जिहादियों की कायरतापूर्वक हमला पूरी दुनियां में घृणा पैदा करने वाला है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना इस घटना को अत्यंत गम्भीरता से लें और जिहादी ताकतों पर तुरंत अंकुश लगाए। बांग्लादेश को याद रखना चाहिए कि पाकिस्तान के क्रूरतम अत्याचारों से भारत ने ही उसे आजादी दिलाई थी। बांग्लादेश बंग बन्धु शेख मुजीबुर्रहमान के संविधान को लागू करें, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश को सेकुलर राष्ट्र बनाने का वादा किया था। बांग्लादेश को पाकिस्तान से सबक लेना चाहिए कि इसी इस्लामी आतंकवाद और जिहाद की वजह से पूरी दुनिया पाकिस्तान से नफरत करती है। पाकिस्तान के लोगों की विश्वसनीयता समाप्त हो चुकी है। एक राज्य की तरह व्यवहार करने में पाकिस्तान पूरी तरह फेल हो चुका है। बांग्लादेश ने समय रहते इन जिहादियों पर लगाम नहीं लगाया तो पूरी दुनियां के शांतिप्रिय लोग बांग्लादेश के खिलाफ भी खड़े हो जाएंगे।

मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नजमा परवीन ने कहा कि इस्लाम के नाम पर आतंकवादियों और जिहादियों ने जिस तरह से हिंसा फैला रखी है उससे पूरी दुनिया में मुसलमानों का जीना मुश्किल हो गया है। तालिबानियों ने हिंसा, हत्या और महिला उत्पीड़न का जो नया दर्शन दिया है उसे दुनिया का कोई भी सभ्य देश स्वीकार नहीं कर सकता। आज पूरी दुनिया इस्लामी जिहादियों के खिलाफ एक हो रही है। बांग्लादेशी मुसलमानों ने अगर हिन्दुओं को भगाने की गलती की तो दुनियाभर के लोगों की सहानुभूति बांग्लादेशी मुसलमानों से खत्म हो जाएगी। पाकिस्तानी मुसलमानों की तरह वे भी घृणा और नफरत के पात्र बन जाएंगे और पूरी दुनियां में रोहिंग्या मुसलमानों की तरह दर-दर भटकने को मजबूर होंगे। मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की जिलाध्यक्ष नगीना बेगम ने कहा कि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमले से मुस्लिम महिलाएं बहुत आहत हैं। जिन लोगों ने ऐसी हरकत की है उन्हें इस्लाम से खारिज कर देना चाहिए और फांसी की सजा देनी चाहिए। प्रदर्शन में शमशुननिशा, मदीना, सबीना, हदीसुन, शबनम, नगीना, जमीला, शहीदुन, शमीमा, जुबैदा, नाजमा आदि महिलाओं ने भाग लिया।

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