सोनभद्र जिले में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्कूलों में 60 फीसद बढ़ी मुस्लिम छात्रों की संख्या

यह अनोखा ही आंकड़ा है कि मदरसों की ओर कभी रुख करने वाले मुस्लिम छात्र अब संघ की ओर से संचालित विद्या मंदिरों में दाखिला ले रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 22 Feb 2020 07:30 AM (IST) Updated:Sat, 22 Feb 2020 07:30 AM (IST)
सोनभद्र जिले में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्कूलों में 60 फीसद बढ़ी मुस्लिम छात्रों की संख्या
सोनभद्र जिले में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्कूलों में 60 फीसद बढ़ी मुस्लिम छात्रों की संख्या

सोनभद्र, जेएनएन। यह अनोखा ही आंकड़ा है कि मदरसों की ओर कभी रुख करने वाले मुस्लिम छात्र अब संघ की ओर से संचालित विद्या मंदिरों में दाखिला ले रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तरफ से संचालित होने वाले विद्या भारती स्कूलों में प्रति वर्ष 20 फीसद के हिसाब से मुस्लिम विद्यार्थियों की संख्या बढ़ रही है। सोनांचल में संचालित कुल 23 स्कूलों में इस समय 800 के करीब मुस्लिम बच्चों की संख्या है। जबकि पढऩे वाले कुल बच्चों की संख्या 7300 है। इन स्कूलों में बच्चों की संख्या बढऩे की वजह शिक्षा के साथ संस्कार दिया जाना बताया जाता है। 

आरएसएस के काशी प्रांत में स्थित सोनांचल को कुल तीन जनपदों का संचालन होता है। इसमें सोनभद्र, रेणुकूट और दुद्धी शामिल है। यहां विद्या भारती के नाम से कुल 23 छोटे-बड़े स्कूल संचालित होते हैं। इन स्कूलों का संचालन भी परिषदीय स्कूलों, कान्वेंट आदि की तरह ही होता है। बस खास बात यह कि यहां शिक्षा और संस्कार पर खास फोकस रहता है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े पदाधिकारी बताते हैं कि जाति, धर्म या संप्रदाय पर नहीं बल्कि गुणवत्तायुक्त शिक्षा ही मुख्य उद्देश्य है। भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए यहां विविध आयोजन किए जाते हैं। यहीं वजह है कि इन स्कूलों में हर वर्ष बच्चों की संख्या बढ़ रही है। 12वीं तक के विद्या भारती में कुल छात्र-छात्राओं की संख्या 7300 के करीब है लेकिन, मुस्लिम बच्चों की संख्या 800 के आस-पास है। यह संख्या तीन साल पहले करीब 500 थी। यानी करीब 60 फीसद संख्या बढ़ी है। प्रतिवर्ष वृद्धि देखें तो 20 फीसद की है। 

- हमारे यहां शिक्षा के साथ संस्कार भी दिया जाता है। शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं है। जाति, धर्म, संप्रदाय के नाम पर किसी तरह का भेदभाव नहीं है। यहीं वजह है कि बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए लोग अपने पालकों को विद्याभारती में पढ़ाते हैं।- डा. राममनोहर, काशी प्रांत के संगठन मंत्री ।

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