मुस्लिम पिता ने हिंदू बेटे के सिर पर बांधा सेहरा, गाजीपुर में आठ साल के अनाथ पप्पू को लिया था गोद
गाजीपुर के बारा गांव के रहने वाले पप्पू के बचपन में ही उनके मां-बाप का निधन हो गया। उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था। उन्होंने पप्पू को गोद ले लिया। अब पूरे हिंदू रीति रिवाज के साथ सोमवार को न सिर्फ शादी कराई बल्कि बैंडबाजे पर ठुमके भी लगाए।
गाजीपुर, जेएनएन। सेवराईं तहसील क्षेत्र के बारा गांव निवासी मोहम्मद शेर खां ने अनाथ हिंदू बेटे के सिर पर सोमवार को सेहरा बांध कर मिसाल बेमिसाल पेश की। 16 वर्ष पहले गोद लिए गए बच्चे को पहले तो अच्छी परवरिश दी, और अब पूरे हिंदू रीति रिवाज के साथ सोमवार को न सिर्फ शादी कराई बल्कि बैंडबाजे पर ठुमके भी लगाए। यह उन लोगों के लिए आइना है जो साम्प्रदायिक माहौल बिगाडऩे में पीछे नहीं रहते।
बारा गांव के रहने वाले पप्पू के बचपन में ही उनके मां-बाप का निधन हो गया। उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था। ऐसे में मोहम्मद शेर खां को दया आई। उन्होंने पप्पू को गोद ले लिया। मोहम्मद शेर खां की इस ख्वाहिश पर उनके घरवालों को भी किसी प्रकार की आपत्ति नहीं थी। मोहम्मद शेर ने पप्पू को अच्छी शिक्षा दिलाई । जब पप्पू की शादी की उम्र हुई तो उसकी इच्छानुसार उन्होंने उसका विवाह पूरे ङ्क्षहदू रीति रिवाज के अनुसार सोमवार को कराई।
मोहम्मद शेर खां ने ही की थी पप्पू की शादी की बात
गांव के बहादुर राम ने उतरौली गांव निवासी भगवान राम की पुत्री कश्मीरा से पप्पू की शादी तय कराई तो मोहम्मदशेर खां के परिवार ने रश्म निभाई। अब तक पप्पू मोहम्मद शेर खां के साथ ही उनके मकान में रहता था, लेकिन अब शेर खां ने पप्पू के पुरानी झोपड़ी के स्थान पर एक कमरा बनवा दिया है जहां पप्पू अपनी पत्नी के साथ रह सकता है।
सारे हिंदू त्योहार मनाता है मोहम्मद शेर का परिवार
- मोहम्मद शेर पप्पू को बहुत अधिक मानते हैं। उन्होंने कभी पप्पू से उसका धर्म बदलने के लिए प्रेरित नहीं किया। बचपन से ही पप्पू को घर में हिंदू धर्म को मानने की पूरी आजादी थी। घर में सभी हिंदू त्योहार मनाए जाते हैं। पप्पू के साथ मोहम्मद शेर का पूरा घर इन त्योहारों को मनाता है।
मोहम्मद शेर के खुद भी हैं चार बेटे
मोहम्मद शेर के खुद के चार बेटे हैं। चार पुत्र होने के बावजूद मोहम्मद शेर पप्पू को अपना छोटा बेटा मानते हैं। पप्पू भी मोहम्मद शेर को पिता व उनके बेटों को बड़े भाइयों जैसा प्यार देता है। शेर खां के चारों पुत्र बाहर रहते हैं। पप्पू घर पर रह कर खेतीबारी की देखभाल करता है।
नहीं महसूस होने दी माता-पिता की कमी
इस परिवार में होली, दिवाली से लेकर हर त्योहार मनाए। परिवार के सभी लोग बहुत प्यार करते हैं। कभी महसूस नहीं होने दी कि मेरे माता-पिता नहीं हैं। हर चीज में मेरा सपोर्ट किया। फिर चाहे वह शादी ही क्यों न हो। मैं भागयाशाली हूं जो ऐसा परिवार मिला।
-पप्पू।