संगीत परंपरा : बीएचयू में गूंजेगा चौमासा का लोक संगीत, आज से होगा दो दिवसीय कार्यक्रम

चौमासा का भारत की लोक संस्कृति और धार्मिक जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव पर बीएचयू के भारत अध्ययन केंद्र में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन होगा। बीएचयू के भारत अध्ययन केंद्र और कनार्टक के कलबुर्गी स्थित श्री सत्य साई यूनिवर्सिटी फार ह्यूमन एक्सीलेंस द्वारा यह आयोजन किया जा रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 09:30 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 09:30 AM (IST)
संगीत परंपरा : बीएचयू में गूंजेगा चौमासा का लोक संगीत, आज से होगा दो दिवसीय कार्यक्रम
मंगलवार से बीएचयू के भारत अध्ययन केंद्र में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन होगा।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। चौमासा का भारत की लोक संस्कृति और धार्मिक जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव पर मंगलवार से बीएचयू के भारत अध्ययन केंद्र में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन होगा। बीएचयू के भारत अध्ययन केंद्र और कनार्टक के कलबुर्गी स्थित श्री सत्य साई यूनिवर्सिटी फार ह्यूमन एक्सीलेंस द्वारा यह आयोजन किया जा रहा है। केंद्र की सेंटेनरी चेयर प्रोफेसर और कार्यक्रम की संयोजक ख्यात गायिका मालिनी अवस्थी सोमवार को बनारस पहुंच गईं हैं। इसके साथ ही कार्यक्रम के अध्यक्ष विधानसभा स्पीकर ह्रदय नारायण दीक्षित और मुख्य अतिथि कलबुर्गी के संस्थापक मधुसूदन साईं आनलाइन संगोष्ठी को संबोधित करेंगे।

केंद्र समन्वयक प्रो. सदाशिव कुमार त्रिवेदी ने बताया कि चौमासा का शुभारंभ कर्नाटक लोक संगीत से होगा, जिसमें चौमास का कर्नाटक संगीत क्या प्रभाव है इसका रहस्योद्घाटन होगा। वहीं मालिनी अवस्थी अपने गायन से कार्यक्रम का समापन करेंगी। इसके अलावा अध्यात्म, कृषि परंपरा, आयुर्वेद, ज्योतिष और खानपान, ऋषि परंपरा और भारतीय साहित्य, लाेक संस्कृति, प्रकृति का नाद उत्सव, और चौमासा पर देश भर प्रख्यात वक्ता अपना व्यक्तव्य देंगे।

प्रो. त्रिवेदी ने कहा कि बरसात के चार महीनों को चौमासा कहा जाता है। ऋतु बदलने पर यानि कि चौमासा में जीवन में क्या-क्या बदलाव आते हैं और वहीं इन बदलावों को संगीत और साहित्य ने किस रूप में लिया। इसके साथ ही प्राचीनकाल में इन दिनों ऋषि-मुनि क्यों एक जगह पर रहते थे, इसका विवरण प्रस्तुत किया जाएगा। वाराणसी में हमेशा से ही गीत संगीत की परंपरा रही है। सावन माह में कजरी और कई गीत संगीत महोत्‍सव का आयोजन समय समय पर होता है।

विद्यापीठ के बौद्ध भवन में मुक्त विश्वविद्यालय : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मानविकी संकाय स्थित बौद्ध भवन में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना की जाएगी। इसका उद्घाटन मुक्त विवि की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह मंगलवार को काशी विद्यापीठ में करेंगी। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में मुक्त विश्वविद्यालय के कुलसचिव भी उपस्थित रहेंगे।

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