हत्याकांड का राजफाश : मीरजापुर में पिकअप चालक का कंकाल बरामद, तीन हत्यारोपित गिरफ्तार
लगभग एक माह पूर्व क्षेत्र के बिल्लोकुंड के पास से लावारिस हाल में बरामद हुई पिकअप के चालक के शव का कंकाल बुधवार को पुलिस ने तीन हत्यारोपितों की निशानदेही पर क्षेत्र के भैंसा खोह स्थित झाड़ियों से बरामद कर लिया।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर। लगभग एक माह पूर्व क्षेत्र के बिल्लोकुंड के पास से लावारिस हाल में बरामद पिकअप के चालक का कंकाल बुधवार को पुलिस ने क्षेत्र के भैंसा खोह स्थित झाड़ियों से बरामद कर लिया। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त हथौड़ी भी बरामद करते हुए तीन आरोपितों को जेल भेज दिया। चालक के पुराने साथी सुनील ने ही अपने दो साथियों के साथ मिलकर रुपयों के लिए वारदात को अंजाम दिया था।
सीओ आपरेशन अजय कुमार राय ने बताया कि जौनपुर के जलालपुर थाना क्षेत्र मकरा गांव में स्थित मां वैष्णो ट्रांसपोर्ट कंपनी से 10 सितंबर की रात चंदौली जनपद के चकिया थाना क्षेत्र स्थित सिकंदरपुर गांव निवासी अमरदीप उर्फ रिंकू केसरी (40) पिकअप पर 75 बोरी वालपुट्टी लेकर सोनभद्र की ओर निकला था। अगले दिन जब वह सोनभद्र के ओबरा व कोन थाना क्षेत्र के दुकानों पर पुट्टी लेकर नहीं पहुंचा। ट्रांसपोर्ट संचालक पवन कुमार सिंह ने थाने पहुंचकर वाहन समेत चालक के गुम होने की तहरीर दी। पुलिस को क्षेत्र के छातो गांव के पास से खाली पिकअप बरामद हुई जबकि पुट्टी गायब थी। पुलिस ने ट्रांसपोर्ट संचालक की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। सीओ आपरेशन ने बताया कि मोबाइल की काल डिटेल से पिकअप चालक की हत्या की गुत्थी सुलझ गई। पूछताछ में सुनील ने बताया कि चंद रुपयों की लालच में आकर उन लोगों ने चालक की हत्या कर शव को ठिकाने लगा दिया था। पकड़े गए आरोपित सुनील कुमार प्रजापति पुत्र राम प्रजापति, सागर पुत्र सामू निवासी सिकंदरपुर थाना चकिया चंदौली व शुभम पुत्र दिलीप नीमच निवासी पथरौरा थाना अदलहाट को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
सुनील ने रची लूट व हत्या की साजिश
पिकअप स्वामी अमरदीप अपनी गाड़ी चलाता था। उसका पुराना परिचय सुनील से था। अमरदीप काफी सीधा व सज्जन किस्म का व्यक्ति था। उसके भोलेपन का फायदा उठाकर सुनील ने बीते 10 सितंबर की रात उसे क्षेत्र के बिल्लोकुंड के पास मिला और खाने-पीने के बहाने उसे साथ में ले लिया। इसके बाद हथौड़ी से उसके सिर में वार करके रात में तीनों साथियों ने मिलकर अमरदीप की हत्या कर दी और शव को झाड़ियों में ठिकाने लगा दिया। इसके बाद तीनों ने पिकअप पर लदे हुए पुट्टी को रामनगर के पास स्थित एक दुकान पर बेंच दिए और दोबारा पिकअप को छातों गांव के पास लाकर खड़ी करने के बाद फरार हो गए।