नगर निगम में कर निरीक्षक के अलावा कोई दूसरा नहीं कर सकेगा वसूली, महापौर ने बुलाई बैठक

महापौर की बुलाई गई बैठक में तय हुआ कि कर निरीक्षक के अलावा कोई गृहकर वसूली करते हुए पाया गया तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 19 Feb 2020 08:10 AM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 10:53 AM (IST)
नगर निगम में कर निरीक्षक के अलावा कोई दूसरा नहीं कर सकेगा वसूली, महापौर ने बुलाई बैठक
नगर निगम में कर निरीक्षक के अलावा कोई दूसरा नहीं कर सकेगा वसूली, महापौर ने बुलाई बैठक

वाराणसी, जेएनएन। अनावासीय भवनों के मूल्यांकन को लेकर महापौर मृदुला जायसवाल द्वारा नगर निगम में बुलाई गई बैठक में यह तय हुआ कि कर निरीक्षक के अलावा कोई गृहकर वसूली करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही तय हुआ कि कर निरीक्षक बगैर परिचय पत्र के वसूली नहीं कर सकेंगे। परिचय पत्र में उनका नाम, पद नाम, मोबाइल नंबर तथा संबंधित जोन के जोनल अधिकारी का नाम और मोबाइल नंबर रहेगा। जिससे किसी भवन स्वामी को कोई संदेह हो तो तत्काल जोनल अधिकारी से बातकर कर निरीक्षक के बारे में आश्वस्त हो सके।

बैठक में उपसभापति नरसिंह दास ने कहा कि भवन स्वामियों को स्वकर के बारे में कोई जानकारी नहीं होने से वे स्वयं मूल्यांकन नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में नगर निगम के सदन की बैठक में जोनल कार्यालयों पर स्वकर निर्धारण के विधि को चस्पा किया जाए लेकिन दो महीने बाद भी ऐसा नहीं हुआ है। नगर आयुक्त ने मातहतों से कहा कि वे शेष बचे अस्सी हजार भवनों के मूल्यांकन की नोटिस भवन स्वामियों को जल्द से जल्द दे दिया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि गृहकर के बिल के साथ उसके पीछे कर निर्धारण की विधि को अंकित किया जाए जिससे भवन स्वामी स्वयं मूल्यांकन कर सके। उन्होंने मातहतों से कहा कि कर निर्धारण की विधि को नगर निगम के वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाए। इससे अधिक से अधिक लोग इसके बारे में जान सकें। बैठक में अनूप कुमार वाजयेपी, सभी जोनल अधिकारी, विजयश्री मौर्य, सुरेश चौरसिया, संदीप त्रिपाठी, श्याम आसरे मौर्य आदि उपस्थित थे।

शिकायतों के निस्तारण के लिए बनेगा सेल

नगर आयुक्त ने कर के प्रभारी अधिकारी अपर नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि कर निर्धारण या दाखिल-खारिज के शिकायत के निस्तारण के लिए एक सेल का गठन किया जाए। जो इसका समाधान करेगी। साथ ही इस सेल के अधिकारियों के नाम और मोबाइल नंबर को जोनल कार्यालयों पर चस्पा किया जाए। जिससे संबंधित व्यक्ति संपर्क कर सके।

असली पाठक को सामने नहीं ला पाया निगम प्रशासन

कुछ दिन पहले महापौर मृदुला जायसवाल को चेतगंज के किसी भवन स्वामी ने शिकायत की थी कि सदन, कार्यकारिणी और महापौर के दबाव के कारण ही अनावासीय भवनों के कर वसूली की जा रही है। इसकी शिनाख्त करने के लिए उन्होंने दशाश्वमेध जोन के जोनल अधिकारी को कहा था। कुछ पहले किसी दूसरे पाठक को जोनल अधिकारी ने सामने लाया था। आज भी नगर निगम के कार्यकारिणी कक्ष में हुई बैठक में जब पाठक को सामने लाने की बात हुई तो अधिकारियों ने भेलूपुर के किसी पाठक को पेश कर दिया। इस तरह कर वसूली के नाम पर भयादोहन करने वाला नगर निगम का कर्मचारी जिसके नाम में पाठक है, सामने नहीं आ सका।

प्रभावित हुई है कर वसूली

नगर आयुक्त गौरांग राठी ने माना कि सदन में पुनरीक्षित बजट के दौरान लिए गए निर्णय से कर वसूली प्रभावित हुई है। सदन में निर्णय लिया गया था कि अनावासीय भवनों के कर 2020 से लिया जाए। जबकि नगर निगम को यह निर्णय लेने का अधिकार ही नहीं है। प्रदेश के अन्य नगर निगम इसे 2015 से ही वसूली रहे हैं। ऐसे में बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भवन स्वामियों पर दबाव बनाए बगैर गृहकर की वसूली में तेजी लाया जाए। यह तय हुआ कि किसी भवन स्वामी को कोई दिक्कत हो तो वो जोनल अधिकारी से संपर्क कर जानकारी ले सकता है।

chat bot
आपका साथी