वाराणसी में नगर निगम और स्मार्ट सिटी ने स्कूलों में कोरोना को हराने के लिए छेड़ा अभियान
वाराणसी में लंबे समय बाद स्कूलों के अनलॉक के दौरान खुलने का दौर शुरू होने के साथ ही बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के प्रयास भी शुरू हो चुके हैं। सोमवार को जहां बाराबंकी में दो छात्राएं कोरोना संक्रमित मिलीं वहीं वाराणसी में पर्याप्त सतर्कता बरती जा रही है।
वाराणसी, जेएनएन। लंबे समय बाद अब स्कूलों के अनलॉक के दौरान खुलने का दौर शुरू होने के साथ ही बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के प्रयास भी शुरू हो चुके हैं। सोमवार को जहां बाराबंकी में दो छात्राएं कोरोना संक्रमित मिलीं वहीं वाराणसी में पर्याप्त सतर्कता बरती जा रही है। इस कड़ी में सोमवार को लंबे समय बाद स्कूल खुलने के साथ ही स्कूलों में हाथ सैनिटाइज कराने के साथ ही सभी विद्यार्थियों के शरीर का तापमान जांचने के बाद ही उनको कक्षाओं में प्रवेश की अनुमति मिली। जबकि 50 फीसद की क्षमता के साथ खुले स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई भले ही शुरू हो गई हो लेकिन अभिभावकों की चिंता कम नहीं हो रही है। दूसरी ओर विद्यालय प्रबंधन बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर अभिभावकों का सहमति पत्र भी मांग रहा है।
एक ओर स्कूल कालेज खुल रहे हैं तो दूसरी ओर विश्वविद्यालयों में पहले से ही परीक्षाएं पूरी करा ली गई हैं। प्रवेश का भी दौर अब शुरू हो चुका है। पहले जहां गेट पर सतर्कता बरती जा रही थी वहीं अब परिसर में छात्र छात्राएं बिना मास्क के भी नजर आने लगे हैं। ऐसे में स्कूलों में कब तक सतर्कता बरकरार रहेगी यह भी चिंता का विषय है। हालांकि नगर निगम और स्मार्ट सिटी की ओर से मंगलवार से स्कूलों में बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए प्रयास शुरू हो गए। सोशल मीडिया पर भी इस बाबत कैंपेन चलाकर अभिभावकों के साथ ही छात्रों को भी जागरुक करने का प्रयास किया जा रहा है।
स्कूलों के खुलने के बाद विद्यालयों में बच्चों की कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए एक पोस्टर जारी किया गया है। मंगलवार की दोपहर बाद सोशल मीडिया पर नगर निगम और स्मार्ट सिटी की ओर से पोस्टर जारी कर स्कूलों में कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों की जानकारी दी गई है। जारी पोस्टर में बताया गया है कि दो गज की दूरी, नियमित हाथ धोना और मास्क लगाने से ही बच्चों को कोरोना संक्रमण्ा से बचाया जा सकता है। इसके साथ ही 1077 नंबर जारी कर किसी भी समस्या को लेकर बातचीत कर समाधान करने की जानकारी भी पोस्टर में दी गई है। हालांकि स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों के हाथ धोने की व्यवस्थाएं भी कई जगहों पर न होने की जानकारी भी सामने आ रही है। कहीं साबुन नहीं है तो कहीं हाथ को सैनिटाइज करने की व्यवस्था का अभाव तो कहीं स्कूलों में बच्चों के करीब बैठाने की भी दुश्वारियां अभिभावकों को चिंता में डाल रही हैं।