Muharram 2021: गाइडलाइन के अनुसार घरों और मस्जिदों में करें इबादत, नहीं निकलेगा जुलूस
करबला के शहीदों का याद में मनाया जाने वाले यौमे आशूरा आज है। इस बार न तो ताजिया बनाए गए हैं न ही जुलूस निकाला जाएगा। इमाम चौक पर नजरो नियाज किया जा सकता है लेकिन इसके लिए गाइडलाइन का पालन करना होगा।
जागरण संवाददाता, भदोही। करबला के शहीदों का याद में मनाया जाने वाले यौमे आशूरा आज है। इस बार न तो ताजिया बनाए गए हैं न ही जुलूस निकाला जाएगा। इमाम चौक पर नजरो नियाज किया जा सकता है लेकिन इसके लिए गाइडलाइन का पालन करना होगा। भले ही इस बार जुलूस नहीं निकाला जाएगा लेकिन प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सावधानी बरती जा रही है। गुरुवार की शाम को ही अतिरिक्त पुलिस बल की व्यवस्था कर ली गई थी। पर्व की पूर्व संध्या पर पुलिस ने पैदल मार्च कर इसकी बानगी भी प्रस्तुत की। उधर उलेमा-ए-कराम द्वारा यौमे आशूरा के मौके पर लोगों को शासन की मंशा के अनुसार नजरो नियाज करने की अपील की गई है।
मोहर्रम पर भी एहतियात की जरूरत
मर्यादपट्टी स्थित मदरसा शमसिया तेगिया के प्रिंसिपल मौलाना फैसल हुसैन अशरफी का कहना है कि कोरोना काल में पड़ने वाले अन्य पर्वों की तरह मोहर्रम पर भी एहतियात की जरूरत है। कहा कि यौमे आशूरा को इस्लाम धर्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण दिन बताते हुए कहा कि शोहदा-ए-करबला की यादें इस विशेष दिन से जुड़ी है। इसलिए लोगों को कसरत से इबादत करना चाहिए।
गरीबों व असहायों की मदद की जानी चाहिए
बेहतर तो यह होगा कि यौमे आशूरा को रोजा रखा जाए। गरीबों व असहायों की मदद की जानी चाहिए। कहा कि ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे गाइडलाइन का उल्लंघन हो। इसी तरह जामा मस्जिद के पेश इमाम व रूयते हेलाल कमेटी के सद्र हाफिज परवेज अच्छे ने भी लोगों को एहतियात बरतने पर बल दिया। कहा कि यह माहे मुबारक हमें सच्चाई की राह में जान कुर्बान करने का पैगाम देता है। इसी माह की दसवीं तारीख को हजरते इमाम हुसैन ने हक के लिए लड़ते हुए जान कुर्बान कर दिया था। कहा कि इस बार जो हालात हैं उसे देखते हुए लोगों को रवायती (परंपरागत) आयोजनों से बचना चाहिए।