मुबारकपुर होजरी और अन्य कपड़ा उत्पाद का बनेगा हब, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग बना रहा कार्ययोजना
मुबारकपुर में बुनकर विपणन केंद्र की स्थापना और एक जिला एक उत्पाद(ओडीओपी) में चयनित होने के बाद भी रेशमी साड़ी और अन्य कपड़ा कारोबार से जुड़े बुनकरों की आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हुआ। लेकिन कोरोना संक्रमण का दंश झेल रहे बुनकरों के दिन आगामी दिनों में बहुरने वाले हैं।
आजमगढ़, जेएनएन। मुबारकपुर में बुनकर विपणन केंद्र की स्थापना और एक जिला, एक उत्पाद(ओडीओपी) में चयनित होने के बाद भी रेशमी साड़ी और अन्य कपड़ा कारोबार से जुड़े बुनकरों की आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हुआ। लेकिन कोरोना संक्रमण का दंश झेल रहे बुनकरों के दिन आगामी दिनों में बहुरने वाले हैं।
मुबारकपुर विपणन केंद्र में बड़ा बाजार मुहैया कराने के लिए हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग कार्ययोजना तैयार कर रहा है। प्रशासन स्तर पर प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद शासन को मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा। उसके बाद सप्ताह में एक दिन नोयडा, पानीपत, बाराबंकी, वाराणसी और खलीलाबाद के वस्त्रोद्योग से जुड़े कारोबारी अपने उत्पाद के साथ पहुंचेंगे। जिससे मुबारकपुर की रेशमी साड़ी भी उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के कपड़ा कारोबारियों तक पहुंचेगी। मुबारकपुर के बुनकरों के हुनर का प्रचार-प्रसार होगा। साथ ही आय में भी वृद्धि भी होगी। हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग की कार्ययोजना के अनुसार नोएडा की होजरी, पानीपत की होजरी व अन्य कपड़ा उत्पाद, वाराणसी की बनारसी साड़ी और खलीलाबाद की बुनकरी उत्पाद से जुड़े कारोबारियों से संपर्क किया जा रहा है। कई व्यापारियों ने अपनी सहमति भी दे दी है।
बुनकरों की बात
मुबारकपुर विपणन केंद्र की स्थापना के बाद भी कोई लाभ नहीं हुआ है। ऐसे में हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग की कार्ययोजना यदि सफल होती है तो व्यापारियों के साथ ही बुनकरों को काफी फायदा होगा। -दानिश, नेवादा, मुबारकपुर।
विभाग की नई पहल यदि कामयाब रही तो बुनकरी से जुड़े लोगों को काफी फायदा होगा। यहां के उत्पाद को भी बाजार मिलेगा और दूसरे जिलों के कपड़ों की भी बिक्री होगी। -सलाउद्दीन,नेवादा, मुबारकपुर।
शासन-प्रशासन की यह कार्ययोजना यदि सफल रही तो मुबारकपुर की बुनकरी को एक और संजीवनी मिलेगी। बहरहाल इसका इंतजार रहेगा। -जफर अख्तर, पूरा दुल्हन, मुबारकपुर।
अरसे से बुनकरों के उत्पाद को बाजार नहीं मिल रहा है। विपणन केंद्र की स्थापना और ओडीओपी में चयन के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ। अब यह पहल यदि कामयाब हुई तो राहत होगी। -समशुज्जमा, नेवादा, मुबारकपुर।
बोले अधिकारी
मुबारकपुर की रेशमी साड़ी के अलावा अन्य वस्त्र उत्पाद को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। जिससे नोएडा, पानीपत, बाराबंकी, खलीलाबाद, बनारस सहित अन्य जिलों के भी व्यापारी यहां पहुंचे। एक बाजार मिलेगा तो कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। दूसरे जिलों के कई व्यापारियों से बात भी हो चुकी है। कमिश्नर के साथ संयुक्त आयुक्त उद्योग और अन्य अफसरों के साथ बैठक कर प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा। -अरविंद सिंह, सहायक आयुक्त, हथकरघा व वस्त्रोद्योग, शाखा, मुबारकपुर।