शारदीय नवरात्र 2022 : महाअष्टमी पर श्रद्धा से पूजी गईं मां महागौरी, नवमी आज

दुर्गा पंडालों को भक्तों की भीड़ लगी रही। सुबह से ही दर्शन-पूजन करने वालों का सिलसिला बना हुआ था। शाम होते ही पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। पूरी रात तक पंडा़लों में जमघट रही। प्रमुख स्थलों पर फोर्स तैनात रही।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 08:05 AM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 08:05 AM (IST)
शारदीय नवरात्र 2022 : महाअष्टमी पर श्रद्धा से पूजी गईं मां महागौरी, नवमी आज
सुबह से ही दर्शन-पूजन करने वालों का सिलसिला बना हुआ था।

गाजीपुर, जागरण संवाददाता। शारदीय नवरात्र की महा अष्टमी की पूजा के क्रम में बुधवार को श्रद्धालुओं ने विशेष आयोजन किए। इस दौरान महागौरी की आराधना की गई। शहर व ग्रामीण अंचलों के देवी मंदिरों में सुबह से देर रात तक दर्शन-पूजन का सिलसिला चला। गुरुवार नवमी को लोग व्रत तोड़ेंगे। उधर, दुर्गा पंडालों को भक्तों की भीड़ लगी रही। सुबह से ही दर्शन-पूजन करने वालों का सिलसिला बना हुआ था। शाम होते ही पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। पूरी रात तक पंडा़लों में जमघट रही। प्रमुख स्थलों पर फोर्स तैनात रही।

घंटा-घड़ियाल की अनुगूंज के बीच रह-रह कर ''''जय माता दी'''' और ''''शेरे वाली मां की जय'''' की आवाजें भी उठ रही थीं। मां की भक्ति में डूबे श्रद्धालुओं ने खुद व परिवार के साथ समाज में सुख-शांति की कामना की। लोगों ने कुंआरी कन्याओं को भोजन कराने के साथ सामर्थ्य के मुताबिक दक्षिणा आदि देकर पूजन भी किया। दुर्गा पंडालों में भक्तों की भीड़ शाम होते ही बढ़ने लगी। रात तक पंडालों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। लोगों ने दर्शन-पूजन किए। वहीं बहुत से लोगों ने व्रत रखे और देवी की उपासना की।

सुरक्षा व्यवस्था के बीच मां को नवाया शीश

मुहम्मदाबाद : नगर स्थित महाकाली मंदिर परिसर यूसुफपुर, तहसील परिसर स्थित मां मनोकामना देवी मंदिर, सलेमपुर मोड़, नवापुरा मोड़ मां दुर्गा मंदिर पर काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर दर्शन-पूजन किया। क्षेत्र के करीमुद्दीनपुर स्थित मां कष्टहरणी भवानी मंदिर में दर्शन पूजन के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। मंदिर परिसर में सुरक्षा के लिए पुलिस कर्मी लगे रहे। मलसा : दुर्गा मंदिर ताड़ीघाट मेदनीपुर, ढढनी चंडी माता मंदिर, सिद्धेश्वर शक्तिपीठ देवरिया, नवदुर्गा मंदिर भगीरथपुर आदि शक्ति दुर्गा मंदिर रामपुर मलसा पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही । गांव स्थित दिव्य राधा माधव ट्रस्ट में अखंड संगीतमयमानस पाठ चल रहा है जिसमें क्षेत्र के श्रद्धालु शामिल रहे।

सुहाग की रक्षा के लिए देवी को चुनरी भेंट की

गहमर : शारदीय नवरात्र के अष्टमी तिथि को मां कामाख्या धाम मंदिर में मां गौरी के स्वरूप की पूजा-आराधना की गई। आम से लेकर खास तक भक्त मां की पूजा में मगन रहे। सुबह से ही सभी भक्तगण लाइनों में खड़े होकर मां की पूजन-अर्चन करते नजर आए। मां के मंदिर में तड़के ही भक्तों की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी। मां कामाख्या देवी मंदिरों को बड़े ही सुंदर ढंग से फूलों अन्य साजो-सामान से सजाया गया था। अष्टमी के दिन महिलाओं ने अपने सुहाग के लिए देवी मां को चुनरी भेंट की। देवी गौरी की पूजा का विधान भी पूर्ववत है। अर्थात जिस प्रकार सप्तमी तिथि तक भक्तों ने मां की पूजा की है उसी प्रकार अष्टमी के दिन भी प्रत्येक दिन की तरह देवी की पंचोपचार सहित पूजा की गई।

यह है कहानी

महंत आकाश राज तिवारी के अनुसार माता का आठवां रूप माता महागौरी का है। मां ने महादेव पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। इसके बाद उनका शरीर धूल- मिट्टी से काला हो गया था। जब महादेव ने माता पर गंगाजल डाला तो माता का शरीर गौर हो गया और तभी से देवी महागौरी के नाम से विख्यात हुई। मां महागौरी का ध्यान, स्मरण, पूजन-आराधना भक्तों के लिए सर्व-विध कल्याणकारी है। इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। मन को अनन्य भाव से एकनिष्ठ कर मनुष्य को सदैव देवी के स्वरूप का ध्यान करना चाहिए। महागौरी भक्तों का कष्ट अवश्य ही दूर करती हैं। इनकी उपासना से भक्तों के असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं।

जिले में 396 स्थानों पर बने हैं दुर्गा पंडाल

जिले में करीब 396 स्थानों पर दुर्गा पंडाल बनाए गए हैं जिसमें दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित की गईं हैं। जिले के कमोवेश अधिकतर गांव एवं बस्तियों में दुर्गा प्रतिमा स्थापित की जाती हैं। अष्टमी व नवमी के दिन श्रद्धालुओं की भीड़ होती है। कुछ लोग दशमी को प्रतिमा का विसर्जन करते हैं तो कुछ लोग दशमी के एक दिन बाद। कुल मिलाकर दुर्गा पूजा को लेकर लोग उत्साहित हैं। शांति व्यवस्था बनाए रखने व पंडालों के चलते रास्ता न बाधित हो इस बात का ध्यान पुलिस के लोग रखे हुए हैं।

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